ओ.पी. पाल
महाराष्ट्र सरकार ने विश्व प्रसिद्ध शिरडी सांई धाम की तिजोरी पर तीखी नजर रखते हुए शिरडी में बनाए जाने वाले हवाई अड्डे की परियोजना में संस्था के कोष से एक सौ करोड़ रुपये परियोजना में भागीदार निजी एंजेंसी को देने का फरमान जारी कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार ने शिरडी में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए भारतीय विमानन प्राधिकरण को हवाई अड्डे के निर्माण की परियोजना का प्रस्ताव दिया था, जो पहले ही मंजूर हो चुका है। 700 एकड़ क्षेत्र में 250 करोड़ की इस परियोजना में महाराष्ट्र सरकार ने निजी भागीदारी करने का फैसला किया है, जिसमें महाराष्ट्र सरकार ने सांईबाबा विश्वस्त मंडल शिरडी को 100 करोड़ रुपये भागीदार एजेंसी को देने का फरमान जारी किया है, जबकि एजेंसी की मांग केवल 50 करोड़ की थी। इस बात की पुष्टि महाराष्ट्र विमानन प्राधिकरण के वित्त सचिव एवं सलाहकार प्रशासक वीवी नालवाडे ने भी की है। गौरतलब है कि सार्इंबाबा ट्रस्ट को पहले ही महाराष्ट्र सरकार अपने नियंत्रण में ले चुकी थी, जिसके अध्यक्ष कांग्रेस के नेता जयंत ससानी और उपाध्यक्ष राकांपा के शंकरराव काल्हे हैँ। सूत्रों का मानना है कि महाराष्ट्र की कांग्रेस-राकांपा सरकार ने फकीर रहे सार्इं बाबा को भक्तों के धन के जरिए राजनीति करके फिर से उसी हाल में लाने की नीति अपनाई है। राजनीतिक हाथों में आए साईंबाबा ट्रस्ट यह दावा करते नहीं थक रही है कि संस्था के कोष में उनके कारण बढ़ोतरी आई है। सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि हवाई अड्डे की परियोजना में साईंबाबा ट्रस्ट का एक सौ करोड़ रुपये निवेश होंगे, लेकिन उसमें साईंबाबा संस्था को कोई लाभ होने वाला नहीं है। यह भी बताया गया है कि संस्था के कोष से ही सरकार ने राज्य में स्कूलों की बैंचों के लिए दस करोड़ रुपये तथा बाईपास मार्ग के लिए ठेकेदारों को 35 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। जबकि ट्रस्ट दानदाताओं के जरिए आने वाले धन को शिरडी में भक्तों की सुविधाओं पर खर्च करता है, जिसके लिए सरकार के नियंत्रण में आए ट्रस्ट भक्तों की सुविधाओं के लिए इस धन का चाहते हुए भी उपयोग नहीं कर पा रहा है। साईंबाबा भक्तों में सरकार की इस नीति को लेकर रोष देखा जा रहा है। सूत्रों का मानना है कि साईबाबा ट्रस्ट के कोष में करीब 400 करोड़ रुपये की धनराशि है, लेकिन इस कोष पर महाराष्ट्र सरकार अपनी तीखी नजर गाड़े हुए है जिसे वह सरकारी योजनाओं में खर्च करने में जुटी हुई है। भक्तों का कहना है कि सरकार को शिरडी में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाओं पर अधिक खर्च करना चाहिए। एक भक्त ने तो 100 करोड़ रुपये यहां भक्त भवन बनाने के लिए दिया, लेकिन सरकार इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रही है, जबकि भक्तों का सरकार से यही सुझाव है कि वह यहां भक्तों की सुविधाओं को प्राथमिकता देते हुए शिरडी को तीर्थ स्थल के साथ एक आकर्षक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना चाहिए।
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