यूपी के चुनाव को लेकर केंद्रीय नेतृत्व हलकान ओ.पी. पाल
कांग्रेस के संगठनात्मक चुनाव की जारी प्रक्रिया में राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए यूपीए अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी संभवत: एक सितंबर को अपना नामांकन दाखिल करेंगी और उनके मुकाबले कोई अन्य उम्मीदवार सामने आए इसकी संभावनाएं पूरी तरह से क्षीण मानी जा रही है, जिसके कारण श्रीमती सोनिया गांधी का कांग्रेस का लगातार चौथी बार अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है जो कांग्रेस के लिए एक रिकार्ड होगा। वहीं केंद्रीय नेतृत्व यूपी के संगठनात्मक चुनाव को लेकर हलकान नजर आ रहा है जहां गुटबाजी से राहुल मिशन को भी पलीता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।
कांग्रेस के संविधान के अनुसार तीन दिन पहले ही कांग्रेस संगठन के चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने के लिए अधिसूचना जारी की गई थी, जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तारीख दो सितंबर है और संभावना है कि श्रीमती सोनिया एक सितंबर को ही दो सेट में अपना नामांकन दाखिल करेंगी? कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि श्रीमती गांधी के नामांकन में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, लोकसभा के नेता प्रणव मुखर्जी और कांग्रेस युवराज समेत कई शीर्ष कांग्रेस नेता उनके नाम का प्रस्ताव करेंगे। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि दस सितंबर है, लेकिन नामांकन भरने की अंतिम तिथि यानि दो सितंबर को ही यह तय हो जाएगा कि अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होगा या नहीं। हालांकि इन संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता कि सोनिया गांधी के सामने कोई कांग्रेस नेता अपना नामांकन दाखिल करें, ऐसे में श्रीमती सोनिया गांधी को दो सितंबर को ही निर्विरोध कांग्रेस अध्यक्ष घोषित कर दिया जाएगा। कांग्रेस अध्यक्ष बनते ही श्रीमती सोनिया गांधी कांग्रेस की बागडौर संभालने वाली ऐसी लगातार चौथी नेता होगी जो लगातार चौथी बार कांग्रेस अध्यक्ष होंगी। केन्द्र में सत्तारुढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की भी अध्यक्ष सोनिया ने गठबंधन के रास्ते से कांग्रेस को सत्ता की बागडोर मिलना सुनिश्चित कराया है। पार्टी के करीब आठ साल तक सत्ता से दूर रहने के बाद सोनिया ने वर्ष 2004 में हुए चुनाव में कांग्रेस नीत संप्रग को जीत दिलाई थी। कांग्रेस की ओर से सत्ता में साझेदारी किए जाने का वह पहला अनुभव था और वर्ष 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में जीत के बाद वह एक बार फिर गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रही है। वर्ष 1998 में सीताराम केसरी के स्थान पर कांग्रेस अध्यक्ष बनाई गईं सोनिया ने सबसे ज्यादा वक्त तक इस पार्टी की अगुवाई करने का रिकार्ड बनाया है। गौरतलब है कि कांग्रेस कार्यसमिति की हाल में हुई बैठक में तय किए गए चुनाव कार्यक्रम के मुताबिक नामांकन पत्रों की जांच तीन सितम्बर को की जाएगी। नाम वापसी की आखिरी तारीख 10 सितम्बर होगी और जरूरत पड़ने पर सत्रह सितम्बर को चुनाव होगा। मतों की गिनती 21 सितम्बर को होगी। विभिन्न राज्यों में कांग्रेस की इकाइयों के चुनाव का भी यही कार्यक्रम है। कांग्रेस ने राज्यों में भी संगठनात्मक चुनाव के लिए सदस्य अ•िायान चलाया हुआ है, जिसमें कांग्रेस युवराज यानि कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी युवा शक्ति को संगठित करने के लिए विभिन्न राज्यों में अपने दौरे कर रहे हैं। कांग्रेस के सामने फिलहाल बिहार राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव हैं जिनकी तैयारियों के लिए पहले ही वहां राज्य ईकाई का गठन कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश भी कांग्रेस के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं जहां कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी अधिक दिलचस्पी ले रहे हैं ताकि कांग्रेस की मजबूत जमीन तैयार की जा सके। राहुल गांधी की यूपी में चल रहे मिशन को राज्य में कांग्रेस के संगठनात्मक चुनावों में जिला और ब्लाक स्तर पर कांग्रेस नेताओं की गुटबाजी खुलकर सामने आ रही है, जिससे राहुल मिशन को पलीता लगता भी नजर आ रहा है। सूत्रों के अनुसार हालांकि राहुल गांधी यूपी में संगठनात्मक चुनाव को लेकर उपजे विवादों की जांच अपने स्तर से भी कर रहे हैं, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व राज्य के संगठनात्मक चुनाव के लिए तैनात चुनाव अधिकारियों को दिशानिर्देश जारी कर चुका है। यह भी जानकारी मिल रही है कि कांग्रेस महासचिव व संगठनात्मक चुनावों के प्रमुख आस्कर फर्नांडीज को मिले शिकायतों के पुलिंदे पर यूपी के संगठनात्मक चुनाव की सियासत दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय तक पहुंचनी शुरू हो जाएगी। जाहिर सी बात है कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव मिशन-2012 की तैयारियों में लगी कांग्रेस को संगठनात्मक चुनाव में नाकों चने चबाने पड़ रहे हैं, जिससे केंद्रीय नेतृत्व का हलकान होना स्वाभाविक है।
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