मैनचेस्टर 2002 राष्ट्रमंडल खेलों भारत की झोली में 69 पदक आए थे, जिनमें स्वर्ण पदकों की संख्या 22 थी, लेकिन रजत व कांस्य पदक हासिल करने में भारतीय खिलाड़ियों को ज्यादा मुश्किल नहीं हुआ। पहली बार 19वें राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी भारत ही कर रहा है तो खिलाड़ियों से अपनी सरजमीं पर देश को कहीं ज्यादा ही अपेक्षाएं होना लाजिमी है। भारत ने 2006 के राष्ट्रमंडल खेलों में 270 सदस्यों वाले प्रतिनिधिमंडल के साथ भाग लिया था, अपने घरेलू मैदानों पर भारतीय खिलाड़ियों को कुछ कर दिखाने का सुनहरा मौका नहीं गंवाना चाहिए। 2006 में भारत को आस्ट्रेलिया, इंगलैंड और कनाडा के बाद चौथा स्थान मिला, जबकि इसकी अपेक्षा अधिक पदक हासिल करने के बाद 2002 में मैनचेस्टर में हुए खेलों में भी भारत चौथे स्थान पर ही रहा। पिछले राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के लिए शूटिंग और वेटलिफ्टिंग पदकों की खान साबित हुए थे और इसी विधा में उसे 19 स्वर्ण पदक मिले थे, जबकि इस बार अन्य विधाओं में भी शानदार फॉर्म में चल रहे अन्य विधाओं के खिलाड़ियों से भारत को शानदार और ऐतिहासिक प्रदर्शन की उम्मीद है, जिसके लिए भारतीय दल के विभिन्न विधाओं के खिलाड़ी ताल भी ठोक रहे हैं, लेकिन यह समय ही बताएगा कि भारतीय खिलाड़ी अपनी सरजमीं पर कितना खरा उतरेंगे।
मेलबोर्न में जिन खिलाड़ियों ने पदक हासिल किये थे उनके नाम इस प्रकार हैं:-
स्वर्ण पदक विजेता
समरेश जंग, गगन नारंग, तेजस्विनी सावंत, जसपाल राणा, विवेक सिंह, रौनक पंडित, अवनीत सिद्धू, अभिनव बिंद्रा, सरोजा झुठु, सुषमा राणा, विजय कुमार, पेम्बा तमांग, अनुजा जंग, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, युमनाम चानू, कुंजारानी देवी, गीता रानी, शरथ अचंता, टेबल टेनिस टीम, अखिल कुमार।
रजत पदक विजेता
अवनीत सिद्धू, समरेश जंग, विवेक सिंह, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, विक्रम भटनागर, अंजलि भागवत, अनुजा जंग, पेम्बा तमांग, अभिनव बिंद्रा, मोहम्मद असदुल्लाह, विक्की बट्टा, अरुण मुरुगेसन, लाइश्रम मोनिका देवी, सिंपल कौर भुमराह, सीमा अंतील, महिला 4गुणा400 मीटर रिले टीम, विजेंदर कुमार, हरप्रीत सिंह।
कांस्य पदक विजेता
चेतन आनंद, मिश्रित टीम, अभिनव बिंद्रा, संजीव राजपूत, मानवजीत सिंह संधू, समरेश जंग, सुधीर कुमार चित्रदुर्गा, रंजीत कुमार जयसीलन, जितेंदर कुमार, वर्गीज जॉनसन।
सरजमीं पर कितना खरा उतरेंगे। ...
जवाब देंहटाएंआप की रचना चोरी हो गयी है ..... यकीन नहीं तो यहाँ देख ले
http://chorikablog.blogspot.com/2010/09/blog-post_2365.html