खुफिया तंत्र के खुलासे से रक्षा मंत्रालय सतर्क
ओ.पी. पाल
चीन और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों द्वारा भारत की रक्षा संबन्धी जानकारियां लेने के लिए हैंकिंग का सहारा लिये जाने पर जब भारत ने सतर्कता बरतते हुए हैंकिंग रोकने के ठोस उपाय किये तो इन दुश्मन देशों ने अपने जासूसों की सेंध भारत के रक्षा तंत्र में घुसा दिये हैं, जिसके लिए भारतीय खुफिया तंत्र ने भारत के रक्षा प्रतिष्ठानों को सतर्क रहने के लिए अलर्ट किया है।
भारतीय खुफिया एजेंसी इंटेलीजेंस ब्यूरो ने चीन और पाकिस्तान जैसे देशों की खुफिया एजेंसियों के जासूसों की भारत में खासकर रक्षा तंत्र एवं रक्षा प्रतिष्ठानों में घुसपैठ के बारे में अलर्ट जारी करते हुए सकर्तता बरतने की सलाह दी है। सूत्रों के अनुसार दुश्मन देशों की खुफिया एजेंसियां भारत के रक्षा प्रतिष्ठानों से डेटा और सूचनाओं को पेन ड्राइव, रिमूवेबल हार्ड डिस्क, सीडी, वीसीडी के जरिए चुरा रही हैं। इसके लिए चीन और पाकिस्तान जैसे देशों ने भारत की सुरक्षा एजेंसियां हैकिंग का सहारा लेती आ रही थी, लेकिन भारत ने इसे रोकने के लिए तकनीकी कदम उठाये तो उसे देखते हुए चीन और पाकिस्तान ने अब अहम सूचनाओं को हासिल करने के लिए अपनी रणनीति में बदलाव किया है। ऐसे में दुश्मन देशों की खुफिया एजेंसियां कंप्यूटर नेटवर्क से डेटा या डॉक्युमेंट सीधे कॉपी या स्टोर करवा रही हैं। भारत की खुफिया तंत्र द्वारा किये गये खुलासे में यह भी कहा गया है कि दुश्मन देश के खुफिया अधिकारी भारत के रक्षा तंत्र में काम कर रहे 'अपने खास लोगों' के जरिए कंप्यूटर नेटवर्क से खास डेटा, सूचना हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। इस अलर्ट के बाद हालांकि रक्षा मंत्री एके एंटोनी ने एक आदेश के जरिए कंप्यूटर स्टोरेज डिवाइस के इस्तेमाल को लेकर बनी नीति की समीक्षा करने का फैसला लिया है। रक्षा मंत्रालय, आर्मी, नेवी और एयरफोर्स को जारी इस अलर्ट में यह भी कहा है कि हाल के कुछ सालों में रक्षा प्रतिष्ठानों से डेटा या डॉक्युमेंट के पेन ड्राइव या फिर दूसरी डिजीटल स्टोरेज डिवाइसों के जरिए चोरी होने या कॉपी होने की घटनाएं बढ़ गई हैं। यह भारत के लिए चिंता का विषय है कि पाकिस्तान और चीन अपने कई जासूसों के जरिए भारत से जुड़ी अहम सूचनाएं हासिल कर रहे हैं। इस प्रकार की जासूसी इस बात से भी साबित हो रही है कि गत 22 अप्रैल को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पाकिस्तान में मौजूद भारतीय हाई कमिशन के प्रेस एंड इन्फर्मेशन विंग में सेकेंड सेक्रेटरी के रूप में काम कर रही माधुरी गुप्ता को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। खुफिया एजेंसी का खुलासा और जारी अलर्ट इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि गत कल ही यानि छह सितंबर को लुधियाना पुलिस ने एक और पाकिस्तानी जासूस को गिरफ्तार किया। यह जासूस पाकिस्तान की एजेंसी आईएसआई के लिए काम करता है। इस जासूस के कब्जे से हाथ से बने नक्शे, सैन्य ठिकानों की तस्वीरें, महत्वपूर्ण दस्तावेज व अन्य सामान भी बरामद हुआ है। इससे पहले भी लुधियाना पुलिस जासूसी के आरोप में पाकिस्तानी नागरिक निजाम बख्श उर्फ संदीप सिंह को गिरफ्तार कर चुकी थी। वहीं गत 21 अगस्त को जालंधर में मोहम्मद आलम नाम के पाकिस्तानी जासूस की गिरफ्तारी के बाद खुलासा हुआ था कि आरोपी ने ठाकुर अमर दास के नाम पर ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट और पैनकार्ड बनाया है। इससे पहले भी वर्ष 2005 में शहीम सद्दीक नामक जैसे पाकिस्तानी एजेंट भारत में घुसपैठ के मामले में सामने आ चुके हैं। पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंटों की डेढ़ दशक पूर्व भारत में घुसपैठ ही आतंकवादियों की गतिविधियों का रूप लेकर एक संकट बनी थी, यह बात किसी से छिपी नहीं है। जिस प्रकार खुफिया तंत्र ने रक्षा तंत्र में चीन और पाक जासूसों की घुसपैठ का खुलासा किया है उससे केंद्र सरकार की नींद उड़ी हुई है जिसके बाद रक्षा मंत्रालय ने कंप्यूटर सटोरेज डिवाइस के इस्तेमाल को लेकर बनी नीति की समीक्षा करके उसे और मजबूत बनाने पर विचार किया है।
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