ओ.पी. पाल
सोनिया गांधी को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर निर्वाचित करने के बाद अब कांग्रेस के लिए राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव को कराने की चुनौती है। जिन राज्यों में निकट भविष्य में चुनाव होने हैं वहां संगठनात्मक चुनाव को कराने के लिए कांग्रेस ने कमर कस ली है, जहां पार्टी को कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी से भी निपटने के लिए दो-दो चार होना पड़ रहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव संपन्न होने के बाद अब पार्टी का ध्यान उन राज्यों में प्रदेश कांग्रेस प्रमुख के निर्वाचन पर है जहां विधानसभा चुनाव होने वाले हैं उनमें कांग्रेस के लिए बिहार सबसे महत्वपूर्ण राज्य हैं, जहाँ चुनाव का एलान हो गया है । इसके अलावा अगले वर्ष केरल, तमिलनाड़ु, पुडुचेरी, पश्चिम बंगाल और असम में विधानसभा चुनाव भी कांग्रेस के सामने हैं। वहीं, वर्ष 2012 में उत्तर प्रदेश और पंजाब में चुनाव होने हैं। पार्टी नेताओं को यह अपेक्षा है कि जिन राज्यों में कांग्रेस किसी क्षेत्रीय दल के बाद दूसरे स्थान पर है, वहां प्रदेश अध्यक्ष उप मुख्यमंत्री सहित अन्य अहम पदों की उम्मीद कर सकते हैं। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस ने घोषणा की है कि वह तृणमूल कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ेगी। वहां ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जा रहा है। अन्य व्यस्तताओं के चलते वरिष्ठ नेता प्रणव मुखर्जी के प्रदेश प्रमुख पद से हटने के बाद अब मानस भुइयां वहां प्रदेश अध्यक्ष हैं। असम में कांग्रेस सत्ता में है, जहां तरुण गोगोई को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 9 वर्ष पहले मुख्यमंत्री पद दिया था। तब गोगोई ने बतौर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पार्टी को चुनावी जीत दिलाई थी। वाम शासित केरल में इस तरह की अटकलें हैं कि रमेश चेन्नितला ही प्रदेश अध्यक्ष बने रहेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी कांग्रेस विधायक दल के नेता हैं और एके एंटनी के केंद्र की राजनीति में आ जाने के बाद अब उन्हें ही प्रदेश कांग्रेस का सबसे वरिष्ठ नेता माना जाता है। कांग्रेस के सूत्रों की माने तो कांग्रेस में इस तरह के उदाहरण रहे हैं जब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों को सोनिया ने मुख्यमंत्री बनने का मौका दिया है। दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित एक दशक पहले प्रदेश पार्टी प्रमुख ही थीं। इसी तरह अशोक गहलोत भी मुख्यमंत्री बनने के समय राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे। आंध्र प्रदेश के वाईएसआर रेड्डी, कर्नाटक के एसएम कृष्णा, हरियाणा के भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, पंजाब के अमरिंदर सिंह और जम्मू-कश्मीर के गुलाम नबी आजाद भी इसी श्रेणी में आते हैं। पंजाब प्रदेश कांग्रेस प्रमुख पद के मजबूत दावेदार अमरिंदर सिंह ने पहले ही कहा है कि इस पद पर चुनाव का फैसला सोनिया गांधी पर छोड़ दिया जाना चाहिये।
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