गुरुवार, 23 सितंबर 2010

हर तीसरा भारतीय पूरी तरह भ्रष्ट?

सीवीसी के निर्वतमान आयुक्त सिन्हा ने किया खुलासा
ओ.पी. पाल
भारत में हरेक तीन आदमी में एक भारतीय पूरी तरह से भ्रष्ट है, लेकिन भ्रष्टाचार के इस चक्रव्यूह में आम आदमी पिसता आ रहा है यह तो किसी से छिपा नहीं है। केंद्रीय सतर्कता आयोग के आयुक्त पद से सेवानिवृत्त होने के बाद जिस प्रकार से प्रत्यूष सिन्हा ने भारत में एक तिहाई लोगों को भ्रष्ट करार दिया है इससे उन्होंने दुनियाभर में भ्रष्टाचार पर नजर रखने वाली संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के सर्वे की पुष्टि करने का प्रयास किया है जिसने पिछले दिनों अपनी एक रिपोर्ट में भारत को दुनियाभर के भ्रष्ट देशों की सूची में 84वें स्थान पर रखा था।
अमेरिकी संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने पिछले दिनों भारत को 84वें पायदान पर रखते हुए दस में से केवल 3.4 अंक दिये थे। इससे कहीं ज्यादा भ्रष्ट पाकिस्तान को करार दिया गया था। यह बात जाहिर है कि भ्रष्टाचार ही देश के विकास में बाधक है, जिसमें आम आदमी पिसता आ रहा है। इसी संस्था की तर्ज पर केंद्रीय सतर्कता आयोग के आयुक्त पद से दो दिन पहले ही रिटायर हुए प्रत्यूष सिन्हा ने तो भारत में 33 प्रतिशत लोगों को भ्रष्ट बताते हुए यहां तक कह दिया है कि ऐसा लगता है कि भविष्य में भ्रष्टाचार का यह 33 प्रतिशत पैमाना 50 प्रतिशत होने के कगार पर है। सिन्हा भ्रष्टाचार की वजह बढ़ती दौलत को मानते हैं। सिन्हा का कहना है कि उन्होंने ऐसे पद पर काम किया है जिसे कोई श्रेय नहीं देता, लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी इस बात को देखकर होती है कि लोग ज्यादा से ज्यादा भ्रष्ट और भोगवादी हो रहे हैं। सिन्हा कहते हैं कि वे अपने बचपन को याद करते हैं तो उस वक्त भ्रष्ट व्यक्ति को नीची नजर से देखा जाता था और कम से कम उन्हें समाज में बुरा तो माना जाता था। बिडम्बना यह है कि आज यह बात नहीं है। समाज में ऐसे लोगों को ज्यादा से ज्यादा स्वीकार किया जा रहा है। अमेरिकी संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने भ्रष्ट देशों की सूची में भारत को 84वें पायदान पर रखा गया है, जबकि इस सूची में 9.4 अंकों के साथ न्यूजीलैंड में सबसे कम भ्रष्टाचार है। इस रिपोर्ट में 1.1 अंकों के साथ सोमालिया दुनिया का सबसे भ्रष्ट देश बताया गया है। कई गैर सरकारी संगठनों की तरफ से जारी होने वाली रिपोर्टों के मुताबिक हर साल लाखों गरीब भारतीय परिवार बुनियादी सुविधाएं पाने के लिए अधिकारियों को भारी रिश्वत देने को मजबूर होते हैं। सिन्हा का कहना है कि लगभग 30 प्रतिशत भारतीय ऐसे होंगे जो बिल्कुल ही भ्रष्ट हैं, जबकि बहुत से लोग ऐसे हैं जो भ्रष्ट होने के कगार पर हैं। यदि आज के भारत में किसी के पास पैसा है तो उसका सब सम्मान करते हैं। इस बात से किसी को मतलब नहीं है कि उसके पास पैसा कहां से आया। दिल्ली में होने वाले राष्टÑमंडल खेलों में पिछले दिनों घोटाले के आरोप लगे हैं। इससे पहले टैक्स चोरी के मामले में आईपीएल भी छानबीन के दायरे में रहा है। हालांकि भारत को गैरकानूनी सट्टेबाजी का बड़ा अड्डा समझा जाने लगा है। यह बात भी दिगर है कि एक भारतीय सट्टेबाज के खुलासे के बाद ही इन दिनों पाकिस्तानी क्रिकेट टीम स्पॉट फिक्सिंग के संगीन आरोपों से घिरी है। प्रत्यूष सिन्हा ऐसे समय भ्रष्टाचार पर बोले हैं जब उनके स्थान पर केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के नए प्रमुख पीजे थॉमस की नियुक्ति को लेकर विवाद उठा है। देश में केन्द्रीय सतर्कता आयोग एकमात्र ऐसी संस्था है जिस पर केन्द्र सरकार के महकमों में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच करने के अलावा सीबीआई और आयकर विभाग जैसी एजेंसियों के कामकाज पर भी नजर रखने का जिम्मा है। जहां तक पीजे थॉमस को इस संस्था का प्रमुख नियुक्त करने का सवाल है उसका प्रमुख विपक्षी दल भाजपा पूरी तरह से विरोध करती रही है। भाजपा का आरोप है कि थॉमस पर केरल में हुए पॉम आॅयल घोटाले का आरोप लगा हुआ है। इसके अलावा 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में भी उनकी भूमिका संदिग्ध हो सकती है। दूसरी ओर केंद्र सरकार ने भाजपा की दलील को खारिज करते हुए बुधवार को कहा कि थॉमस का स्पेक्ट्रम घोटाले से कोई वास्ता नहीं है। आश्चर्यजनक बात है कि थॉमस की जिस पद पर नियुक्ति की गई है उस चयन समिति में प्रधानमंत्री मनमोहन व गृहमंत्री पी. चिदंबरम के अलावा तीसरे सदस्य के रूप में लोकसभा में विपक्ष की नेता श्रीमती सुषमा स्वराज भी एक हैं। सरकार का दावा है कि चयन समिति की बैठक में सुषमा इस बात से सहमत हुईं कि नियुक्ति से पहले हुई जांच में थामस को दोषमुक्त पाया गया है और उन पर कोई दाग नहीं है। सरकार का तर्क है कि थॉमस स्पेक्ट्रम घोटाले के काफी समय बाद दूरसंचार मंत्रालय में आए थे, इसलिए स्पेक्ट्रम घोटाले में उनकी कोई भूमिका नहंी है। कुछ भी हो भ्रष्टाचार के मामले पर पहले से ही छिड़ी बहस को सीवीसी के निर्वतमान आयुक्त प्रत्यूष सिन्हा ने हवा देकर इस मामले को गरमा दिया है।

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