रविवार, 2 जनवरी 2011

अवैध घुसपैठ कराने से बाज नहीं आ रहा पाक

परमाणु ठिकानों की सूचियों के आदान-प्रदान के मायने नहीं
ओ.पी. पाल
भारत और पाकिस्तान ने नए साल के मौके पर अपने परमाणु संस्थानों की सूची की अदला बदली की है तो भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की ओर से आतंकवादियों के एक दल की घुसपैठ की कोशिश को विफल करने का दावा किया है। विशेषज्ञों की माने तो ऐसे में इस संधि के तहत परमाणु संस्थानों की जानकारियों के आदान प्रदान के कोई मायने नहीं रखता, जब पाक की ओर से अवैध घुसपैठ करने की गतिविधियां जारी हों।
भारत और पाकिस्तान ने नए साल के मौके पर अपने परमाणु संस्थानों की सूची की जानकारी एक दूसरे को एक संधि के तहत दी है, लेकिन पाकिस्तान की नीयत हमेशा भारत के प्रति ऐसी संधियों का उल्लंघन करने की रही है। भारत-पाक संबन्धों के जानकार प्रो. कलीम बहादुर की माने तो पाकिस्तान की भारत के प्रति नीयत ठीक नहीं है, जो भारत के साथ दोस्ती का हाथ भी बढ़ाना चाहता है और दूसरी ओर भारत के खिलाफ आतंकवादी संगठनों के जरिए अशांति फैलाने की कोशिशों को भी हवा दे रहा है। जहां तक दोनों देशों के बीच परमाणु ठिकानों की सूचनाओं के आदान प्रदान करने का संबन्ध है वह दोनों देशों के बीच हुई संधि का एक हिस्सा है लेकिन इसमें पाक की नीयत को देखते हुए यह भी नहीं कहा जा सकता कि पाक की ओर से भारत को दी जाने वाली पाक के परमाणु ठिकानों की जानकारी सही हो? विशेषज्ञ मानते हैं कि चीन के साथ गठजोड़ करके पाक गुपचुप तरीके से अपने परमाणु ठिकानों का जो विस्तार कर रहा है उसके सामने इस संधि के कोई मायने नहीं है। नये साल पर परमाणु ठिकानों की जानकारियों का आदान प्रदान करने के दौरान दूसरी ओर पाक की हरकत सामने है। जिसमें जहां एक और दोनों देश परमाणु ठिकानों की सूची का आदान प्रदान कर रहे थे तो दूसरी ओर जम्मू और कश्मीर के पूंच जिले में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की ओर से आतंकवादियों के एक दल द्वारा भारत में घुसपैठ करने की कोशिश की जा रही थी जिसे भारतीय सेना ने विफल करने का दावा किया है। भारतीय सेना ने कहा है कि जम्मू और कश्मीर के पुंछ जिले में बालाकोट सेक्टर में कांगड़ा गली इलाके में नियंत्रण रेखा पर गश्त के दौरान जवानों ने रात साढ़े नौ बजे उग्रपंथियों की गतिविधियां देखी। सैनिक जवानों ने आतंकवादियों को चुनौती दी और उन पर गोलियां चलाईं। सेना ने कहा है कि पाकिस्तानी पक्ष से भी गोलियां चलीं। दोनों ओर से एक घंटे तक गोलीबारी हुई। बाद में सैनिकों ने एक पाकिस्तानी गाइड को पकड़ लिया जिसकी शिनाख्त पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के केराले गांव के 50 वर्षीय मोहम्मद सगीर के रूप में हुई है। सेना ने कहा है कि सेना की इस कार्यवाही के बाद आतंकवादी भाग गए। इलाके में व्यापक खोज अभियान चलाया जा रहा है और पाकिस्तानी गाइड से पूछताछ की जा रही है। भारत और पाकिस्तान ने राजनयिक चैनल के जरिए नई दिल्ली और इस्लामाबाद में लगातार 20वीं बार अपने परमाणु संस्थानों की सूची एक दूसरे को दी। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि सूचियों की अदला बदली परमाणु संस्थानों पर हमले पर रोक की संधि के तहत की गई है। 31 दिसंबर 1988 में हस्ताक्षरित यह संधि 27 जनवरी 1991 से प्रभावी हुई थी। इसके तहत दोनों देश हर साल के पहले दिन अपने परमाणु संस्थानों के बारे में दूसरे को बताते हैं। इस संधि को दोनों देशों के बीच भरोसा बनाने का सबसे महत्वपूर्ण कदम माना जाता है। पिछले सालों में पारस्परिक रिश्तों के बिगड़ने के बावजूद इस संधि को हमेशा पूरा किया गया है।

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