ओ.पी. पाल
आंध्र प्रदेश मे पृथक राज्य के रूप में तेलंगाना के गठन के लिए गृह मंत्रालय को सौँपी गई श्रीकृष्णा रिपोर्ट पर विचारकरने के लिए गुरुवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है, लेकिन इस बैठक से पहले ही आंध्र प्रदेश में राजनीति गर्माने लगी है, जिसमें तेलंगाना राष्ट्र समिति और भारतीय जनता पार्टी ने हिस्सा न लेने का निर्णय लिया तो वहीं बुधवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की।
आंध्र प्रदेश का विभाजन कर अलग तेलंगाना राज्य के गठन के विभिन्न पहलुओं पर रोशनी डालने वाली जस्टिस श्रीकृष्ण कमेटी की रिपोर्ट पर चर्चा के लिए केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने गुरुवार को नई दिल्ली में एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में तेलंगाना मुद्दे पर गठित श्रीकृष्णा समिति की रिपोर्ट की सिफारिशों का खुलासा किया जाएगा तथा चिंदबरम इस संबंध में सभी राजनीतिक दलों का समर्थन हासिल करने की कोशिश करेंगे। लेकिन तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और भाजपा पहले ही इस बैठक में हिस्सा न लेने का ऐलान कर चुकी हैं। यहां तक हुआ कि टीआरएस ने बैठक में हिस्सा लेने के लिए चिदंबरम की तरफ से की गई ताजा अपील को भी खारिज कर दिया है। सूत्रों के अनुसार चिदंबरम ने दूसरा पत्र भेजा, लेकिन टीआरएस का कहना है कि उन्होंने हमारी इन आपत्तियों का जवाब नहीं दिया है कि एक ही पार्टी को अलग अलग राय नहीं देनी चाहिए। चिदंबरम ने पत्र में कहा है कि पांच पार्टियों ने पिछले साल जनवरी में इसी तरह की एक बैठक में एक जैसी राय दी थी, लेकिन विवाद इस बात पर है कि तीन पार्टियों ने अलग अलग राय रखी। चिदंबरम ने इस बैठक में आंध्र प्रदेश की आठ मान्यता प्राप्त पार्टियों को आमंत्रित किया है जिसका टीआरएस इसलिए बहिष्कार कर रही है कि केंद्र सरकार जानबूझ कर पार्टियों में अलग अलग सुझावों को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है क्योंकि सभी पार्टियों से दो प्रतिनिधि बुलाए गए हैं। टीआरएस की मांग है कि केंद्र सरकार बजट सत्र में एक विधेयक पेश कर अलग तेलंगाना राज्य बनाने का मार्ग प्रशस्त करे, भले श्रीकृष्ण कमेटी की सिफारिशें कुछ भी हों। दूसरी ओर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. किरन कुमार रेड्डी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। समझा जाता है कि इस बैठक के दौरान राज्य में तेलंगाना राज्य की मांग से पैदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा हुई। रेड्डी सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेने के लिए बुधवार को ही दिल्ली पहुंच गए हैं। तेलंगाना के मुद्दे पर समूचेआंध्र प्रदेश को बेसब्री से श्रीकृष्ण कमेटी की रिपोर्ट की सिफारिशों के खुलासे का इंतजार है। इसमें संयुक्त आंध्र प्रदेश या फिर विभाजन कर अलग तेलंगाना राज्य बनाने से जुड़े पहुलओं का विस्तार से विश्लेषण किया गया है। पिछले साल जब केंद्र सरकार ने इस मुद्दे सभी पार्टियों से सलाह मशविरा करने का फैसला किया तो तेलंगाना क्षेत्र में हिंसा भड़क उठी थी। बैठक में आंध्रप्रदेश के आठ मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों कांग्रेस, तेलगु देशम पार्टी, तेलंगाना राष्ट्र समिति, मजलिसे इत्तहादुल मुसलिमीन, प्रजा राज्यम पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को आमंत्रित किया गया है, जिसमें हर दल के दो-दो सदस्य शामिल होंगे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें