ओ.पी. पाल
देश में जिस प्रकार भ्रष्टाचार और घोटालों ने यूपीए सरकार के सामने समस्या पैदा कर रखी है और माना जा रहा है कि केंद्र सरकार में मंत्रियों की सम्पत्ति में बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन यह आकलन एकदम उलट है जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निर्देश पर केंद्रीय मंत्रियों ने अपनी संपत्ति की घोषणा की तो ऐसे चौंकाने वाले तथ्य सामने आए कि अमीर होने के बजाए केंद्रीय मंत्रिमंडल के ज्यादातर सदस्य गरीब होते जा रहे हैँ?मनमोहन सरकार के कैबिनेट मंत्रियों ने वर्ष 2010 में अपनी संपत्ति की घोषणा की तो हर कोई चौंक रहा है जिसमें करीब 32 केंद्रीय मंत्रियों के ऊपर गरीबी मंडराती नजर आई यानि वर्ष 2009 के मुकाबले उनकी आय में कमी आई है। जबकि भ्रष्टाचार और घोटालों से घिरी यूपीए सरकार के प्रति ऐसी चर्चाए आम हैं कि केंद्रीय मंत्री लगातार अमीर हो रहे हैं। पीएमओ के निर्देश पर अपनी सम्पत्ति को सार्वजनिक करने वाले केंद्रीय मंत्रियों पर भी सवाल उठने लगे हैँ कि उनकी आय में कमी कैसे हो सकती है? पीएमओ द्वारा गत 31 मार्च, 2010 को खत्म हुए वित्त वर्ष तक मंत्रियों द्वारा अपनी संपत्ति के दिये गये ब्यौरे को सार्वजनिक किया है। इस ब्यौरे के अनुसार सत्ता संभालने के सालभर के भीतर ही 32 में से 20 कैबिनेट मंत्रियों की संपत्ति में गिरावट आई है यानि उनकी आय कम हुई। इन 20 मंत्रियों ने इस अवधि में पिछले साल की अपेक्षा 62 करोड़ रुपए की संपत्ति गंवाई है। जबकि पांच मंत्री अमीर होते नजर आए जिनमें संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल की संपत्ति व आय में तेजी से बढ़ोतरी हुई। इनके अलावा एक साल में अमीर होने वाले केंद्रीय मंत्रियों में सामाजिक न्याय मंत्री मुकुल वासनिक, स्वास्थ्य मंत्री गुलामनबी आजाद, रेल मंत्री ममता बनर्जी और रक्षा मंत्री एके एंटनी की भी संपत्ति सालभर में बढ़ी है। जबकि पांच मंत्रियों मुरली देवड़ा, एमएस गिल, जीके वासन, आनंद शर्मा और अंबिका सोनी सने अपनी संपत्ति और आय का ब्यौरा पीएमओ को मिला ही नहीं। पीएमओ के अनुसार शहरी विकास मंत्री एस जयपाल रेड्डी की संपत्ति की सूची में सिर्फ दायित्वों का जिक्र किया है। जिन मंत्रियों की संपत्ति व आय में कमी आई है उनमें वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी अपनी संपत्ति में एक करोड़ रुपये की गिरावट आई है। इनसे कहीं ज्यादा पांच करोड़ रुपये की संपत्ति गंवाने वालों में मानव संसाधन, विज्ञान और टेक्नालॉजी, अर्थ साइंस और टेलीकॉम जैसे दमदार विभाग संभालने वाले कपिल सिब्बल शामिल है। वित्त मंत्री रह चुके गृहमंत्री पी. चिदंबरम को गरीबी ने कहीं ज्यादा जकड़ लिया है जिनकी संपत्ति व आय में एक साल में को गृह मंत्री के रूप में शायद ज्यादा काम करना पड़ रहा है। इसी वजह से सालभर में उनकी संपत्ति में सोलह करोड़ रुपए से ज्यादा की कमी दर्शाई गई है। अन्य जिन केंद्रीय मंत्रियों की संपत्ति व आय में कमी आई है उनमें विदेश मंत्री एसएम कृष्णा, विधि मंत्री वीरप्पा मोइली, भूतल परिवहन मंत्री कमलनाथ, नवीन और अक्षय ऊर्जा मंत्री फारुख अब्दुल्ला, स्टील मंत्री वीरभद्र सिंह, भारी उद्योग मंत्री विलासराव देशमुख, रसायन और उर्वरक मंत्री एमके अझागिरी, कृषि मंत्री शरद पवार, कपड़ा मंत्री दयानिधि मारन, ग्रामीण विकास मंत्री सीपी जोशी, पर्यटन मंत्री कुमारी सैलजा, बिजली मंत्री सुशील कुमार शिंदे, रोजगार और श्रम मंत्री मल्लिकाजरुन खड़गे, प्रवासी मामलों के मंत्री वायलार रवि, जनजातीय मंत्री कांतिलाल भूरिया, के अलावा बीके हांडिक और सुबोधकांत सहाय शामिल है। पीएमओ के इस खुलासे ने गरीबी दिशा में जाते मंत्रियों के आंकड़ों पर भी सवालिया निशान लगा रहे है?
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें