शुक्रवार, 14 जनवरी 2011

एवरेस्ट फतह कर नया रिकार्ड बनायेगा नरेन्द्र

पांच साल पहले ही हासिल हो जाता गौरव....
ओ.पी. पाल
हरियाणा ने खेल के क्षेत्र में देश को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया है और आने वाले समय में हरियाणा देश के लिए ऐसा पहला रिकार्ड बनाएगा जिसमें कुरुक्षेत्र के युवक नरेन्द्र सिंह के रूप में कोई भारतीय अकेले ही माउंट एवरेस्ट की चोटी पर तिरंगा लहराएगा। हालांकि हरियाणा देश के लिए यह गौरव पांच साल पहले ही हासिल कर सकता था यदि हरियाणा सरकार अंतिम क्षणों में अपने हाथ वापस न खिंचती? जी हां... आगामी मार्च में माउंट एवरेस्ट की चोटी को फतह करने जा रहे हरियाणा के लाल नरेन्द्र सिंह हरियाणा का नाम रोशन करने के लिए अत्यंत उत्साहित हैं जिसका नाम हिमालयन साइकिलिंग में राष्ट्रीय रिकार्ड बनाने पर लिमका बुक में भी नाम दर्ज है।हरियाणा की ऐतिहासिक भूमि कुरूक्षेत्र के बीबीपुर गांव निवासी बलबीर सिंह के 30 वर्षीय पुत्र नरेन्द्र सिंह भी देश के लिए पर्वतारोही संतोष यादव व ममता सौढ़ा के बाद ईको एवरेस्ट अभियान को फतेह करने के लिए पिछले दस साल से जी तोड़ मेहनत कर रहा है जो सहारा गु्रप में पर्वतारोहियों को प्रशिक्षण देने के लिए स्ट्रेक्टर के पद पर कार्यरत है। पर्वतारोही के रूप में अपना नाम एक नये रिकार्ड के रूप में दर्ज कराने सपना संजोय आगामी मार्च माह में नेपाल में शिविर में हिस्सा लेने के बाद माउंट एवरेस्ट की चोटी पर झंडा फहराने के लिए चढ़ाई शुरू करेगा, जिससे 15 मार्च को नई दिल्ली से कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा सौंप कर रवाना करेंगे। बातचीत ले दौरान इस साहसी युवक नरेन्द्र सिंह ने बताया कि इससे पहले वह वर्ष 2004 में श्रीनगर से नेपाल, भूटान होते हुए अरुणाचल प्रदेश में संपन्न हुई 5 हजार किमी की हिमालयन साईकिलिंग रेस को 40 दिन में पूरा करके अपना नाम लिमका बुक में दर्ज करा चुका है। इसके बाद वर्ष 2006 में उसे माउंट एवरेस्ट की चोटी फतेह करने का मौका मिला और हरियाणा की हुड्डा सरकार के आश्वासन के साथ सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थी, लेकिन नेपाल रवाना होने से मात्र छह दिन पूर्व ही हरियाणा सरकार ने खजाना खाली होने का हवाला देते हुए उसके सपने को तोड़ दिया, वरना अपने देश और हरियाणा के लिए यह गौरवशाली रिकार्ड तभी बन जाता। राज्य सरकार द्वारा आर्थिक सहायता से अपने हाथ वापस खींच लेने पर संभालखा (पानीपत) के समाजसेवी हवा सिंह छोकर ने उसका हौंसला बढ़ाया और इसके लिए हर सहायता देना शुरू किया, तो उसे फिर अपने अधूरे सपने को पूरा करने का मौका मिला और सभी तैयारियां पूरी हो गई है जिसके लिए उसका प्रशिक्षण चल रहा जिसमें उसे तीन बार एवरेस्ट की चोटी फतह कर चुके बीएसएफ के जवान नवराज के अलावा पर्वतारोही सतेन्द्र राणा उसकी तैयारियों में जुटे हुए हैं। इसके लिए जद-यू के लोकसभा सांसद कैप्टन जय नारायण प्रसाद निषाद ने नरेन्द्र सिंह के हौंसले को बढ़ाते हुए मंत्रालयों तथा अन्य कारपोरेट जगत को भी पत्र लिखे हैँ। इस संबन्ध में निषाद ने कहा कि एक अभियान में कम से कम 25 लाख रुपये का खर्च आता है, जिसको बढ़ावा देने के लिए अन्य खेलों की तरह केंद्र सरकार को नीति बनाने की जरूरत है और प्रायोजकों को भी आगे आकर एडवेंचर स्पोर्ट्स को प्रोत्साहन देना चाहिए। भारत के लिए पर्वतारोहण में एक नया रिकार्ड दर्ज कराने के लिए आत्मविश्वास के साथ नरेन्द्र सिंह का कहना है कि यह पहली बार होगा कि कोई भारतीय अकेले ही माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा लहराएगा।

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