83वें महाधिवेशन की तैयारियां युद्ध स्तर पर
तिरंगे झंडो के रंग में रंगा बुराडी
ओ.पी. पाल
अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी के 125 साल के सफर को पार्टी ऐतिहासिक रूप में देखना चाहती है, तभी कांग्रेस के 83वें महाधिवेशन स्थल को तम्बुओं वाले एक खूबसूरत और हरे-भरे शहर के रूप में तैयार करने के लिए युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है। कांग्रेस के कुछ दिग्गजों का मानना है कि जिस प्रकार से 83वें महाधिवेशन की तैयारियां की जा रही हैं शायद ही इससे पहले इतने भव्य रूप में अन्य ही कोई महाधिवेशन आयोजित किया गया हो।कांग्रेस का तीन दिवसीय 83वां महाधिवेशन 18 से 20 दिसंबर तक बाहरी दिल्ली के बुराड़ी स्थित निरंकारी संत समागम स्थल पर किया जा रहा है। कांग्रेस पार्टी के 125 साल को इस महाधिवेशन के जरिए ऐतिहासिक बनाने की कवायद कर रही है, इसी लिहाज से महाधिवेशन स्थल को एक भव्य शहर की तरह से सजाया जा रहा है, जो भारतीय कांग्रेस पार्टी के चरखे के चिन्ह वाले तिरंगे सेपाट दिया गया है, तो वहीं खूशबुदार फूलों एवं अन्य बागवानी भी कदम-कदम पर गमलों के साथ चौतरफा नजर आ रहे हैं। हरिभूमि संवाददाता ने बुराड़ी में कांग्रेस के महाधिवेशन के लिए की जा रही तैयारियों का जायजा लिया, जहां महाधिवेशन के लिए विशालकाय वाटर प्रूफ पंडाल को जिस तरह से सजाने और कांग्रेस प्रतिनिधियों के बैठने की व्यवस्था को अंजाम दिया जा रहा है उसकी कई विशेषताएं सामने आ रही हैं। पंडाल में विशाल मंच के सामने मंत्रियों, सांसदों के लिए तीन व्यक्तियों की क्षमता वाले डेढ़ सौ से कुछ ज्यादा सोफे डाले गये हैँ, जबकि मंच के एक और मीडिया तो दूसरी ओर देश के स्वतंत्रता सेनानी और अन्य वीआईपी लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है। मंच के सामने सोफो की कतार के बाद जालियां लगाकर कांग्रेस प्रतिनिधियों के बैठने के लिए करीब 17 हजार कुर्सियों की व्यवस्था की गई है। मंच पर महापुरूषों के चित्रों से पाटा जा रहा है, जिसमें सुभाषचंद्र बोस, पंडित जवाहर लाल नेहरू, महात्मा गांधी, डा. भीमराव अम्बेडकर, सरदार बल्लभ भाई पटेल, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, राजीव गांधी के अलावा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व श्रीमती सोनिया गांधी के चित्र भी शामिल हैं। इस पंडाल में मंच के दोनों ओर पीछे की ओर से दो द्वार बनाए गये हैं। तो दोनों साइड़ो में 11-11 द्वार हैं जहां से मीडिया, सांसद, विधायक तथा कांग्रेस प्रतिनिधियों को प्रवेश दिया जाएगा। इसी प्रकार से मंच के विपरीत पंडाल के अंत में भी नौ द्वार बनाए गये हैं। यानि महाधिवेशन के लिए 33 द्वार वाला पंडाल बनाया गया है। पंडाल में मंच के दोनों ओर विशाल स्क्रीन लगाई गई हैं तो उसके बाद दोनों ओर ही चार-चार उनसे आधी स्क्रीन लगाई गई हैं, ताकि सबसे पीछे बैठे प्रतिनिधि भी मंच पर बैठे अतिथियों को देख सकें। मंच के पीछे वीआईपी प्रतिनिधियों के लिए एक हॉल बनाया गया है, तो शेष तीन साइड़ो में हर द्वार से आवागमन के दौरान बाहरी लॉबी में डीएवीपी की प्रदर्शनी होगी, तो वहीं कांग्रेस के साहित्य और स्वतंत्रता संग्राम सें जुड़ी सामग्रियों को भी प्रदर्शित किया जा रहा है। हर द्वार पर सुरक्षा की दृष्टि से मेटल डिटेक्टर लगाए जा रहे हैँ। महाधिवेशन की तैयारियों के लिए कांग्रेस सेवादल की देखरेख में चल रहा है जिसमें दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी और दिल्ली सरकार का समूचा मंत्रिमंडल अपनी-अपनी व्यवस्थाओं को अंजाम दे रहें हैं। पंडाल के ही नहीं बल्कि महाधिवेशन स्थल को चौतरफा चरखे वाले तिरंगे से पाटा गया है, तो महाधिवेशन के हार्डिंग्स भी स्थल के चारों ओर नजर आ रहे हैं, जिनमें कांग्रेस के 125 साल की सेवा के साथ प्रधानमंत्री मनमोहन के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी और महासचिव राहुल गांधी को फोकस किया गया है। पंडाल के पहले द्वार के सामने ही राष्ट्रीय ध्वजरोहण स्थल की तैयारियां की जा रही हैं, जहां कांग्रेस सेवा दल की सलामी लेने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी झंडा फहराएंगी। कांग्रेस के दिल्ली प्रदेशाध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल का दावा है कि महाधिवेशन की तैयारियों के लिए रातभर कार्य चलेगा जिसे कल यानि 17 दिसंबर की दोपहर को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। वहीं प्रधानमंत्री सहित सरकार से जुड़े अनेक वरिष्ठ लोगों के वहां प्रवास करने को देखते हुए इसे अत्याधुनिक संचार उपकरणों से जोड़ा गया है जिससे कि सरकार का आवश्यक काम काज भी वहीं से चलता रहे।
तम्बूओं के शहर में महाधिवेशन
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित कुछ वरिष्ठ नेताओं के लिए अटेच बाथरूम वाले तंबुओं के विशेष कक्ष तैयार किए गए हैं तो वहीं महाधिवेशन स्थल पर मुख्य पंडाल के बाद दिल्ली कांग्रेस का कार्यालय और स्वागत कक्ष बनाया गया है तो वहीं भारतीय राष्टÑीय कांग्रेस का अखिल भारतीय कांग्रेस कार्यालय के साथ सभी राज्यों के कार्यालय बनाये गये हैं। रेलवे बुकिंग सेंटर, डाकघर, दस बैड वाला मिनी अस्पताल के अलावा दिल्ली से बाहर देश के विभिन्न राज्यों से आने वाले कम से कम छह हजार कांग्रेस प्रतिनिधियों के ठहरने के लिए 500 से अधिक टैंट लगाए गये हैं, जिनमें महिला कार्यकतार्ओं के ठहरने के लिए विशेष प्रबंध किए गए है और उनके लिए अलग से टेंटों के ही 80 आवास क्षेत्र बनाए गए हैं। महिला प्रतिधिनियों के लिए अलग व्यवस्था करके सभी के लिए नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। वहीं सात विशालकाय पंडाल भोजन और नाश्ते के लिए तैयार किये जा चुके हैं जिनमें एक मीडिया के लिए होगा। वहीं मीडिया के लिए भी एक विशाल मीडिया सेंटर बनाया गया है। सुलभ इंटरनेशन के जरिए जनसुविधाओं की भी समुचित व्यवस्था की गई है तो मुखर्जीनगर पुलिस पोस्ट,अग्निशमन केंद्र के अलावा हेल्पलाइन सेंटर भी तैयार किया गया है। यानि यूं कहा जा सकता है कि कांग्रेस का महाधिवेशन एक तंबूओं के शहर में होगा।
दिल्ली में होगा छठा महाधिवेशन
कांग्रेस के 83वें महाधिवेशन का आयोजन दिल्ली में हो रहा है इससे पहले 1978 में राष्ट्रीय राजधानी में कांग्रेस का महाधिवेशन तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की अध्यक्षता में आयोजित किया गया था। आजादी के बाद 1951 में हुए कांग्रेस का पहले महाधिवेशन की मेजबानी भी दिल्ली के हिस्से में आई थी। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार कांग्रेस की स्थापना के बाद दिल्ली में पहले कांग्रेस महाधिवेशन का आयोजन 1918 में किया गया था जिसकी अध्यक्षता पंडित मदन मोहन मालवीय ने की थी। इसके बाद राष्ट्रीय राजधानी में 1923 में पार्टी ने महाधिवेश का आयोजन किया था जिसकी अध्यक्षता मौलाना अबुल कलाम आजाद ने की थी। साल 1932 में दिल्ली में आयोजित कांग्रेस महाधिवेशन की अध्यक्षता भी पंडित मदन मोहन मालवीय ने की थी। वर्ष 1998 में सोनिया के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस का यह तीसरा पूर्ण सत्र होगा। कांग्रेस का पिछला पूर्ण अधिवेशन 2006 में हैदराबाद में आयोजित किया गया था।
स्वतंत्रता सेनानियों को मिलेगा अतिथि सत्कार
कांग्रेस पार्टी के महाधिवेशन में 125 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में देश को आजादी दिलाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के अतिथि सत्कार के लिए पलक पावडे बिछाने की पूरी तैयारी कर रही है। 18 से 20 दिसंबर को राष्ट्रीय राजधानी में होने जा रहे कांग्रेस के महाधिवेशन में पार्टी हर राज्य से एक-एक स्वतंत्रता सेनानी को सम्मानित करेगी। वहीं उनके दिल्ली प्रवास के लिए अतिथि सत्कार के रूप में पार्टी ने विशेष व्यवस्था की है। महाधिवेशन के मंच से उन्हें सम्मानित करने के अलावा सभी स्वतंत्रता सेनानियों को कांग्रेस का 125 साल का इतिहास और साहित्य भी प्रदान किया जाएगा। महाधिवेशन में हिस्सा लेने वाले वीवीआईपी अतिथियों के लिए उनके ठहरने के स्थान से महाधिवेशन स्थल से लाने-ले जाने के लिए विशेष वाहनों की व्यवस्था की गई है। मीडिया के लिए भी कांग्रेस मुख्यालय से महाधिवेशन स्थल पर आने जाने के लिए कैब की सुविधा उपलब्ध कराया जाएगा।
तम्बूओं के शहर में महाधिवेशन
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित कुछ वरिष्ठ नेताओं के लिए अटेच बाथरूम वाले तंबुओं के विशेष कक्ष तैयार किए गए हैं तो वहीं महाधिवेशन स्थल पर मुख्य पंडाल के बाद दिल्ली कांग्रेस का कार्यालय और स्वागत कक्ष बनाया गया है तो वहीं भारतीय राष्टÑीय कांग्रेस का अखिल भारतीय कांग्रेस कार्यालय के साथ सभी राज्यों के कार्यालय बनाये गये हैं। रेलवे बुकिंग सेंटर, डाकघर, दस बैड वाला मिनी अस्पताल के अलावा दिल्ली से बाहर देश के विभिन्न राज्यों से आने वाले कम से कम छह हजार कांग्रेस प्रतिनिधियों के ठहरने के लिए 500 से अधिक टैंट लगाए गये हैं, जिनमें महिला कार्यकतार्ओं के ठहरने के लिए विशेष प्रबंध किए गए है और उनके लिए अलग से टेंटों के ही 80 आवास क्षेत्र बनाए गए हैं। महिला प्रतिधिनियों के लिए अलग व्यवस्था करके सभी के लिए नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। वहीं सात विशालकाय पंडाल भोजन और नाश्ते के लिए तैयार किये जा चुके हैं जिनमें एक मीडिया के लिए होगा। वहीं मीडिया के लिए भी एक विशाल मीडिया सेंटर बनाया गया है। सुलभ इंटरनेशन के जरिए जनसुविधाओं की भी समुचित व्यवस्था की गई है तो मुखर्जीनगर पुलिस पोस्ट,अग्निशमन केंद्र के अलावा हेल्पलाइन सेंटर भी तैयार किया गया है। यानि यूं कहा जा सकता है कि कांग्रेस का महाधिवेशन एक तंबूओं के शहर में होगा।
दिल्ली में होगा छठा महाधिवेशन
कांग्रेस के 83वें महाधिवेशन का आयोजन दिल्ली में हो रहा है इससे पहले 1978 में राष्ट्रीय राजधानी में कांग्रेस का महाधिवेशन तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की अध्यक्षता में आयोजित किया गया था। आजादी के बाद 1951 में हुए कांग्रेस का पहले महाधिवेशन की मेजबानी भी दिल्ली के हिस्से में आई थी। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार कांग्रेस की स्थापना के बाद दिल्ली में पहले कांग्रेस महाधिवेशन का आयोजन 1918 में किया गया था जिसकी अध्यक्षता पंडित मदन मोहन मालवीय ने की थी। इसके बाद राष्ट्रीय राजधानी में 1923 में पार्टी ने महाधिवेश का आयोजन किया था जिसकी अध्यक्षता मौलाना अबुल कलाम आजाद ने की थी। साल 1932 में दिल्ली में आयोजित कांग्रेस महाधिवेशन की अध्यक्षता भी पंडित मदन मोहन मालवीय ने की थी। वर्ष 1998 में सोनिया के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस का यह तीसरा पूर्ण सत्र होगा। कांग्रेस का पिछला पूर्ण अधिवेशन 2006 में हैदराबाद में आयोजित किया गया था।
स्वतंत्रता सेनानियों को मिलेगा अतिथि सत्कार
कांग्रेस पार्टी के महाधिवेशन में 125 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में देश को आजादी दिलाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के अतिथि सत्कार के लिए पलक पावडे बिछाने की पूरी तैयारी कर रही है। 18 से 20 दिसंबर को राष्ट्रीय राजधानी में होने जा रहे कांग्रेस के महाधिवेशन में पार्टी हर राज्य से एक-एक स्वतंत्रता सेनानी को सम्मानित करेगी। वहीं उनके दिल्ली प्रवास के लिए अतिथि सत्कार के रूप में पार्टी ने विशेष व्यवस्था की है। महाधिवेशन के मंच से उन्हें सम्मानित करने के अलावा सभी स्वतंत्रता सेनानियों को कांग्रेस का 125 साल का इतिहास और साहित्य भी प्रदान किया जाएगा। महाधिवेशन में हिस्सा लेने वाले वीवीआईपी अतिथियों के लिए उनके ठहरने के स्थान से महाधिवेशन स्थल से लाने-ले जाने के लिए विशेष वाहनों की व्यवस्था की गई है। मीडिया के लिए भी कांग्रेस मुख्यालय से महाधिवेशन स्थल पर आने जाने के लिए कैब की सुविधा उपलब्ध कराया जाएगा।
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