कांग्रेस महाधिवेशन में छाया रहा भ्रष्टाचार का मुद्दा
ओ.पी. पाल
प्रसिद्ध कहावत है कि आक्रमण ही बचाव का सर्वश्रेष्ठ उपाय है। भ्रष्टाचार से कई तरह के आरोपों से घिरी कांग्रेस ने अब शायद इस कहावत को ही अपना मूलमंत्र बना लिया है। इस कड़ी में कांग्रेस महधिवेशन में रविवार को शुरू हुए विपक्ष पर हमले सोमवार को भी जारी रहे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, महासचिव राहुल गांधी या फिर प्रधानमंत्री मनमोहन ही क्यों न रहे हों सभी ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर विपक्ष पर हमले करके आक्रमक तेवरों में पलटवार किया। सोनिया गांधी ने तो कांग्रेसजनों का यहां तक आव्हान किया कि वे राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों से आक्रामकता के साथ निपटते हुए उनके दोहरें मापदंड को जनता के सामने बेनकाब करने का काम करें।सवा सौ साल की राजनीतिक पार्टी कांग्रेस का बंदेमातरम् से शुरू हुआ तीन दिवसीय 83वां महाधिवेश राष्टÑगान के साथ ही सोमवार को सम्पन्न हो गया है। यह अधिवेशन ऐसे समय हुआ जब भ्रष्टाचार और घोटाले के मुद्दे पर कांग्रेस विपक्षी दलों से चौतरफा घिरी हुई है, जिसके लिए यह अधिवेशन चुनौतियों से कम तो नहीं था, लेकिन इस महाधिवेशन में कांग्रेस ने भ्रष्टाचार के आरोपों के चक्रव्यूह से बाहर निकलने का रास्ता ही नहीं खोजा, बल्कि वह प्रसिद्ध कहावत ‘आक्रमण ही बचाव का सर्वश्रेष्ठ उपाय है’ चरितार्थ होती नजर आई जिसे कांग्रेस ने अपना मूलमंत्र भी बनाया है। भ्रष्टाचार को देश व समाज के विकास में बाधक बताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जहां भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग का ऐलान किया, वहीं विपक्षी दलों खासकर भाजपा पर इस मुद्दे को लेकर हमले भी बोले। कांग्रेस के पिछले दो दिनों में महाधिवेशन के मंच से सोनिया ने ही नहीं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी, गृहमंत्री पी. चिदंबरम, वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के अलावा अन्य केई मंत्रियों व कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेसनीत यूपीए सरकार की उपलब्धियों का बखान करते हुए भ्रष्टाचार पर विपक्ष पर हमले किये। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तो कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को हिदायत भी दी कि वे ऐसे अधिकारों (भूमि आवंटन के विवेकाधीन अधिकार) की समीक्षा करके उनका जल्दी से जल्दी निपटान करके एक मिसाल कायम करें। सोनिया गांधी महाधिवेशन में भ्रष्टाचार पर विपक्ष पर हमला बोलने में रविवार की अपेक्षा सोमवार को अधिक आक्रामक तेवरों में नजर आई, जिन्होंने देशभर से आए कांग्रेसजनों का आव्हान करते हुए कहा कि वे विरोधी दलों के बेबुनियाद आरोपों के खिलाफ जनता के बीच जाकर प्रचार करें और भ्रष्टाचार पर दोहरे मापदंड अपना रही भाजपा को बेनकाब करें। महाधिवेशन में वैसे तो मुद्दे अनेक थे, लेकिन भ्रष्टाचार का मुद्दा ही ऐसा था, जिससे कांग्रेस भयभीत थी और इसी चक्रव्यूह से निकलने के लिए कांग्रेस ने आक्रामकता की नीति से विपक्ष का मुकाबला करने की नीतियों का ऐलान किया। इस आक्रामकता के मूलमंत्र को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जहां चिंतन शिविर आयोजित करने की घोषणा की तो वहीं सरकार की उपलब्धियों और प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के दोहरे मापदंड को बेनकाब करने के लिए जन जागरण अभियान चलाने का भी ऐलान ही नहीं किया, बल्कि सोनिया ने भ्रष्टाचार के मुद्दे से ही आमने-सामने आकर मुकाबला करने की बात कही।कांग्रेसनीत यूपीए सरकार के दूसरे शासनकाल में जिस प्रकार से वह भ्रष्टाचार और घोटालों के मुद्दे पर घिरी रही है उसमें 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले ने कांग्रेस की राजनीतिक तौर पर ज्यादा फजीहत हुई है, जिसके कारण संसद का समूचा शीतकालीन सत्र का सत्रावासन लगभग बिना किसी कामकाज के ही कराना पड़ा। इसी मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने भी कांग्रेस का बचाव करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और 2जी स्पेक्ट्रम आंवटन के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। हालांकि कांग्रेस ने महाधिवेशन में आक्रामक तेवरों में आईपीएल में शशि थरूर, आदर्श हाउसिंग सोसायटी में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और राष्ट्रमंडल खेलों में अनियमितताओं में सुरेश कलमाडी की तरह 2जी स्पेक्ट्रम में संचार मंत्री ए. राजा को हटाने की दुहाई देते हुए कर्नाटक में जमीन घोटाले में भाजपा के दोहरे मापदंड अपनाने की नीति के साबित करने का भी प्रयास किया है। भ्रष्टाचार के मुद्दे से शुरू हुआ कांग्रेस का महाधिवेशन भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग के ऐलान के साथ ही संपन्न हो गया है।
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