तो..अब कांग्रेस कारपोरेट शैली में करेगी काम तो
ओ.पी. पाल
कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया ने केंद्र सरकार के मंत्रियों को फटकार लगाते हुए संगठन के बड़े पदों पर बैठे वरिष्ठ नेताओं को भी नसीहत दी। उन्होंने आम कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संगठन की शक्ति और कान बताते हुए दो टूक शब्दों में कहा कि कार्यकर्ता के समक्ष कांग्रेसनीत केंद्र सरकार के मंत्रियों और पार्टी के नेताओं को अपनी ईमानदारी और जवाबदेही के प्रति किसी किस्म के संदेह की गुंजाइश नहीं छोड़नी चाहिए। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित कांग्रेस के 83वें महाधिवेशन में उद्घाटन भाषण के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने कहा कि देश के छोटे स्थान पर बैठा कांग्रेस कार्यकर्ता संगठन की कान व आंख यानि ताकत है जिसे नजर अंदाज करने की शिकायतें आ रही हैं। उन्होंने अपने संगठन को अपने अंदर कमियों के देखने की बात करते हुए स्पष्ट किया कि केंद्रीय मंत्री जब भी कहीं अपना दौरा करें तो वहां की कांग्रेस इकाई से भी मिलें और आम कार्यकर्ता की बात सुने। उन्होंने कहा कि हमें अपनी कमजोरियों पर भी ध्यान देना होगा। पार्टी भले ही गौरवशाली अतीत की समृद्ध विरासत से पूर्ण है लेकिन भविश्य की चुनौतियों का सामना तभी किया जा सकेगा जब हम समय के साथ अपने कामकाज की शैली में भी बदलाव लाएं। वहीं उन्होंने संगठन में ऊंचे औधे पर बैठे नेताओं को भी साफ शब्दों में कहा कि कांग्रेस अब कारपोरेट शैली में काम करेगी, क्योंकि बिहार चुनाव नतीजा इस तरह का सबक दे चुकें हैं। उन्होंने कांग्रेस नेताओं को सादगी और मितव्ययता के रास्ते पर जाने का संकेत देते हुए कहा कि पार्टी नेताओं को अपनी ईमानदारी और जवाबदेही के प्रति किसी किस्म के संदेह की गुंजाइश नहीं छोड़नी चाहिए, क्योंकि आम कार्यकर्ता की उपेक्षा अब बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने इसके लिए जल्द ही एक चिंतन शिविर का आयोजन करने की भी घोषणा की, जिसमें संगठन के कामकाज में बदलाव करके इसे कारपोरेट की शैली में काम करने लायक बनाने से जुडे तमाम अहम फैसले लिए जाएंगे। साथ ही उन्होंने संगठन को और ज्यादा युवा बनाने का भी संकल्प दोहराया, जिससे यह संकेत मिल रहा है कि जल्द ही पार्टी संगठन में राहुल गांधी की भूमिका और बढेगी। उन्होंने कहा कि हम एक विरासत के उत्तराधिकारी हैं। यह विरासत संवेदनाओं की विरासत है। इसलिए हमारे लिए जरूरी है कि हम आत्मचिंतन करें। यही इस महाअधिवेशन का उद्देश्य है। हम सिर्फ अपने अतीत का उत्सव मनाने के लिए नहीं जुटे हैं। श्रीमति गांधी ने नेहरू, इंदिरा और राजीव गांधी को याद करते हुए कहा कि हमें उनकी विरासत को आगे बढ़ाना है।
राहुल की संगठन में बढेगी भूमिका
पार्टी में जल्द ही राहुल गांधी को आगे लाने का संकेत देते हुए सोनिया ने कहा कि उम्र और अनुभव के अलावा संगठन को युवा शक्ति और जीवन्तता की जरूरत है, इसीलिए हम ज्यादा से ज्यादा युवाओं के प्रवेश का स्वागत करते हैं। राहुल गांधी के नेतृत्व में युवक कांग्रेस और छात्र संगठन एनएसयूआई द्वारा किए गए सदस्यता अभियान की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि इसके सकारात्मक परिणा दिख रहे हैं। बिहार के विधानसभा चुनाव परिणामों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी की अब जमीनी स्तर पर नए सिरे से खडा करने के अलावा हमारे पास दूसरा कोई रास्ता नहीं है। आगे का मार्ग लंबा और कठिन है लेकिन दृढ रहेंगे और सफल होंगे।
चुनावी मशीन न बने कांग्रेस
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को आगाह किया कि देश की इस सबसे पुरानी और बड़ी पार्टी को एक विशाल चुनावी मशीन से कुछ ज्यादा बनने की जरूरत है अैर पार्टी को जमीनी स्तर पर नये सिरे से स्थापित करने के अलावा हमारे पास न तो कोई विकल्प है और न ही कोई शार्टकट। सोनिया ने बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी की शर्मनाक हार के संदर्भ में कहा कि उन्हें अच्छी तरह मालूम है कि कुछ प्रदेशों में बहुत ज्यादा काम करने की जरूरत है। हाल ही में बिहार के चुनावों ने यह अच्छी तरह साफ कर दिया है कि पार्टी को जमीनी स्तर से नये सिरे से बनाने के अलावा हमारे पास और कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि आगे रास्ता लंबा और बहुत मुश्किल है लेकिन पार्टी को जमीनी स्तर से नये सिरे से बनाने के अलावा और कौई आसान रास्ता नहीं है।
संयम व निष्ठा की प्रतिमूति मनमोहन
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि राष्ट्र की समृद्धि के प्रति प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अचल समर्पण की वजह से पार्टी उनके साथ मजबूती से खड़ी है। सोनिया ने कहा कि मनमोहन सिंह ने राष्ट्र की प्रगति और समृद्धि के प्रति दृढ़ समर्पण दशार्या है। पार्टी उनके साथ मजबूती से खड़ी है। प्रधानमंत्री की प्रशंसा करते हुए सोनिया ने कहा कि वह 'संयमऔर निष्ठा' की प्रतिमूर्ति हैं।
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