कांग्रेस महाधिवेशन के पहले दिन प्रस्तावों को अंतिम रूप
ओ.पी. पाल
अखिल भारतीय कांग्रेस के शनिवार 18 दिसंबर से राष्ट्रीय राजधानी में शुरू हो रहे 83वें महाधिवेशन में कांग्रेस संविधान संशोधन का प्रस्ताव आने की भी संभावनाएं हैं। जबकि कांग्रेस के 125 वर्ष की समर्पण सेवा, राजनीतिक, आर्थिक और विदेश नीति पर प्रस्ताव पारित करने के लिए कांग्रेस पहले ही एजेंडा तय कर चुकी है। महाधिवेशन में पेश किये जाने वाले प्रस्तावों पर पार्टी की ड्राफ्ट कमेटी चर्चा के बाद उन्हें अंतिम रूप देगी, जिन्हें खुले महाधिवेशन में पारित किया जाएगा।कांग्रेस के समपर्ण और सेवा के 125 साल को बुराड़ी में आयोजित कांग्रेस के महाधिवेशन में मुख्य रूप से फोकस किया जा रहा है, जिसके लिए कांग्रेस की ड्राफ्ट कमेटी महाधिवेशन के पहले दिन संसदीय सौंध के सभागार में एक बैठक करके एक प्रस्ताव लाएगी, वहीं इस बैठक में राजनीतिक, आर्थिक और विदेश नीति पर भी प्रस्ताव पर चर्चा होगी, चर्चा के बाद समिति महाधिवेशन में उन्हें पारित कराने के लिए अंतिम रूप भी देगी। इन प्रस्तावों के अलावा ऐसी भी संभावना व्यक्त की जा रही है कि कांग्रेस की संविधान समिति द्वारा कांग्रेस संविधान संशोधन के लिए की गई सिफारिश को देखते हुए ड्राफ्ट समिति पार्टी संविधान संशोधन के प्रस्ताव को भी अंतिम रूप देगी। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के महाधिवेशन में संविधान संशोधन का प्रस्ताव आने की प्रबल संभावनाएं हैं। कांग्रेस के राजनीतिक गलियारे में इसकी चर्चाएं है कि कांग्रेस संविधान की विसंगतियों और पुनरावृत्ति को दुरुस्त करने के लिए संभावना है कि इस प्रस्तावित संविधान संशोधन में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष समेत राष्ट्रीय कार्यकारिणी के चुनाव का कार्यकाल तीन साल के बजाए पांच साल किया जा सकता है। संसदीय सौंध में होने वाली कांग्रेस ड्राफ्ट समिति में राष्ट्रीय कार्यकारिणी के अलावा राज्यों के प्रभारी महासचिव के अलावा राज्यों के अध्यक्ष तथा राज्यों की विधानसभाओं में कांग्रेस विधायक दल के नेता शामिल होंगे। क्योंकि राष्ट्रीय कार्यसमिति इस समय भंग है और उसे संचालन समिति में परिवर्तित कर दिया गया था तो इसलिए कांग्रेस की संचालन समिति के सदस्य प्रस्ताव के मसौदे को अंतिम रूप देने के लिए होने वाली इस बैठक में हिस्सा लेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी द्वारा एआईसीसी महाधिवेशन के लिए नियुक्त की गई ड्राफ्ट समिति के रूप में वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की अध्यक्षता में 22 सदस्य शामिल हैं, जिसमें रक्षा मंत्री एके एंटोनी, गृहमंत्री पी. चिदंबरम, वाणिज्यमंत्री आनंद शर्मा, शहरी विकास मंत्री एस. जयपाल रेड्डी, वन एवं पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश, कानून मंत्री वीरप्पा मोइली, ऊर्जा मंत्री सुशील कुमार शिंदे, कारपोरेट मंत्री सलमान खुर्शीद, प्रवासी मामलों के मंत्री वायलार रवि, ग्रामीण विकास मंत्री डा. सीपी जोशी के अलावा मुकुल वासनिक, अर्जुन सिंह, कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी, राहुल गांधी, मोहसिना किदवई, दिग्विजय सिंह, हेमानंद बिस्वास, कैप्टन अमरेन्द्र सिंह, सीके जाफर शरीफ, मणिशंकर अय्यर और लाथनवाला सदस्य के रूप में शामिल हैँ। सूत्रों के अनुसार आर्थिक प्रस्ताव का मसौदा प्रणव मुखर्जी, पी. चिदंबरम, दिग्विजय सिंह, वायलार रवि, जयराम रमेश, मलिकाअर्जुन खर्गे और नमोनारायण मीना ने तैयार किया है, तो विदेश नीति के प्रस्ताव को आनंद शर्मा, डा. करण सिंह, श्रीमती अंबिका सोनी, डा. सैफुद्दीन सोज तथा सलमान खुर्शीद तैयार कर चुके हैँ। राजनीतिक प्रस्ताव को एके एंटोनी, सुशील कुमार शिंदे, गुलाम नबी आजाद, गिरिजा व्यास, मुकुट मिथी तथा मधुसूदन मिस्त्री ने तैयार किया है, जिसे कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने राजनीतिक लाइन को निर्धारित किया है। जबकि पार्टी के 125 साल के प्रस्ताव को सभी ने मिलकर तैयार किया है जिसमें कांग्रेस के गौरवशाली इतिहास और स्वतंत्रता संग्राम को शामिल किया गया है।
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