शनिवार, 25 दिसंबर 2010

विकिलीक्स को चुनौती देगी नई पीडी वेबसाइट

विदेश मंत्रालय की साइट से थरूर जैसे ट्वीटरों का भी भविष्य उज्जवल
ओ.पी. पाल
सूचना एवं तकनीकी रूप से बदलती दुनिया में जहां विकिलीक्स के खुलासे से बवाल मचा हुआ है, वहीं विकिलीक्स की चुनौती से निपटने के लिए भारत के विदेश मंत्रालय ने अपनी नई पीडी वेबसाइट शुरू की है जिसकी खासियत यह होगी कि उसमें ट्वीटर, ब्लॉगर, फेसबुक, मुद्दा, स्क्राइब्ड तथा यूथटूब जैसी सामाजिक साइटों को भी डाला है। जिस ट्वीटर के कारण विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर को कुर्सी गंवानी पड़ी थी, उसी प्रकार की सामाजिक साइटों को विदेश मंत्रालय की साइट पर आ जाने से लगता है कि अब शशि थरूर जैसे ट्वीटरों का भी भविष्य उज्जवल होने की दिशा में है।
दरअसल विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को अपनी नई वेबसाइट शुरू की है जिसकी शुरूआत विदेश सचिव श्रीमती निरुपमा राव ने की। उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की नीतियों की पारदर्शिता की दुहाई देते हुए कहा कि इस क्रांतिकरी सूचना एवं तकनीक के युग में विदेश मंत्रालय ने एक नई पीडी वेबसाइट शुरू की है जिसमें भारतीय कूटनीतिक साइट पर कोई भी सर्च और अनुसरण कर सकता है। विकीलीक्स के खुलासे पर पिछले सप्ताह ही विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा था कि भारत एक मुक्त और लोकतांत्रिक राष्ट्र है जो विधिसम्मत शासन का अनुपालन करत है। यदि कोई अनियमितता होती है, तो विद्यमान कानूनी तंत्रों के अंतर्गत प्रभावी और पारदर्शी तरीके से इसका शीघ्र एवं ठोस समाधान किया जाता है। भारत में कहीं भी हमारे नागरिकों के हित कल्याण से संबंधित सभी मुद्दों पर लोकतांत्रिक बहस और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की स्वस्थ परम्परा है। इसलिए हमारे अंतर्राष्ट्रीय मित्रों और भागीदारों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर भी भारत ने कभी भी मुक्त और स्पष्ट चर्चा से परहेज नहीं किया। इस नई वेबसाइट शुरू करते हुए विदेश सचिव निरुपमा राव ने कहा कि नई पीडी वेबसाइट में पूरी पारदर्शिता है जिसमें लीक होने का कोई मामला है। इस वेबसाइट को शुरू करके शायद विदेश मंत्रालय ने विकीलीक्स की चुनौतियों से निपटने की कवायद शुरू की है। विदेश मंत्रालय की नई पीडी वेबसाइट से स्क्रइब्ड, मुद्दे, ब्लोगर, ट्वीटर, फेसबुक तथा यूथटूब जैसी सामाजिक वेबसाइट भी जोड़ी गई है और ईमेल के जरिए संदेश भेजने की सुविधा भी मौजूद है। इससे लगता है कि फेसबुक, ब्लागर और ट्वीटरों को अपनी टिप्पणियां करने का एक खुला मौका भी दिया गया है। गौरतलब है कि इसी साल अप्रैल में ट्वीटर पर टिप्पणियां करने का कारण ही विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर की कुर्सी गंवाने का कारण बनी थी। वही ट्वीटर अब विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर मौजूद है तो लगता है कि जहां भारत विकीलीक्स जैसी वेबसाइट को चुनौती देने की कवायद कर रही है, वहीं शशि थरूर जैसे ट्वीटरों के भविष्य को भी उज्जवल बनाने की दिशा में यह वेबसाइट शायद मददगार हो सकेगी। इस नई वेबसाइट पर भारत सरकार की सूचनाओं के लीक होने के सवाल पर विदेश सचिव का मानना था कि जो पारदर्शी होगा तो उसमें लीक क्या हो सकता है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें