गुरुवार, 16 दिसंबर 2010

राजनीतिक भविष्य तय करेगा कांग्रेस महाधिवेशन!

खाद्य सुरक्षा, आर्थिक व राजनीतिक प्रस्ताव पर होगी चर्चा
ओ.पी. पाल
125वीं वर्षगांठ पर आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों का समापन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित पार्टी के 83वें महाधिवेशन को कांग्रेस ऐसे समय में मनाने जा रही है जब वह भ्रष्टाचार और घोटाले के मुद्दे पर विपक्ष से चौतरफा घिरी हुई है, वहीं बिहार विधानसभा चुनाव में हुई फजीहत के साथ आगामी चुनाव पर लगी निगाहों के साथ कांग्रेस के आंध्र प्रदेश संकट उसके सामने एक चुनौती के रूप में मुहं बाय खड़े हैँ। बाहरी दिल्ली के बुराड़ी में होने वाले कांग्रेस महाधिवेशन की सफलता के लिए पार्टी खासकर दिल्ली इकाई अपनी पूरी ताकत झोंक रही है।कांग्रेस पार्टी का तीन दिवसीय महाधिवेशन 18 से 20 दिसंबर तक होगा, जिसमें पहले दिन यानि 18 दिसंबर को 11 बजे संसदीय सौंध में कांग्रेस पार्टी की विषय(ड्राफ्ट) समिति की बैठक होगी, जिसमें महाधिवेशन में आने वाले प्रस्तावों का मसौदा तैयार किया जाएगा, जिसमें कांग्रेस पार्टी मुख्य रूप से कांग्रेस के 125 साल के सफर पर एक प्रस्ताव पारित करेगी, जबकि इसी बैठक में राजनीति तथा आर्थिक और अन्य प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जाएगा। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव आस्कर फर्नांडीस ने बताया कि पार्टी की विषय संबन्धी बैठक में महाधिवेशन में पारित किये जाने वाले प्रस्तावों को अंतिम रूप देंगे, जिनमें खाद्य सुरक्षा पर भी प्रस्ताव के लिए एक मसौदा तैयार किया जाएगा। उन्होंने उन संभावनाओं को क्षीण कर दिया है कि इस महाधिवेशन में राष्ट्रीय कार्य समिति या राज्यों के अध्यक्षों की घोषणा की जाएगी। उनका कहना है कि कांग्रेस पार्टी की पंरपरा है कि महाधिवेशन में राष्ट्रीय कार्य समिति का चुनाव किया जाएगा, लेकिन उसकी घोषणाएं महाधिवेशन के बाद की जाएगी। महाधिवेशनमें पार्टी की पंरपरागत तरीके को अपनाते हुए 19 दिसंबर को नवनिर्वाचित पार्टी अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी को मंच तक लाया जाएगा, जिसके बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, महासचिव राहुल गांधी सरीके पदाधिकारियों को मंच पर स्थान दिया जाएगा। महाधिवेशन के दूसरे दिन मंच से कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी का अध्यक्षीय भाषण होगा, जिसके बाद प्रधानमंत्री डा.मनमोहन सिंह, महासचिव राहुल गांधी एवं अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं का संबोधन भी होगा। इसके अलावा पार्टी के 125वें वर्ष केउपलक्ष्य में महाधिवेशन में प्रत्येक राज्य से एक-एक स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया जाएगा। एक घंटे का सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी इसी दिन आयोजन किया गया है। महाधिवेशन के अंतिम दिन 20 दिसंबर को पार्टी ड्राफ्ट समितियों द्वारा तैयार प्रस्तावों को पारित किया जाएगा। आस्कर फर्नांडीस ने कहा कि इस महाधिवेशन में पूरे देश से अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी के करीब 1250, राज्य कांग्रेस कमेटियों के दस हजार तथ 1507 कार्यकर्ताओं और आमंत्रित सदस्यों समेत करीब 15 हजार प्रतिनिधि हिस्सेदार बनेंगे। इन सब कार्यक्रमों के साथ पार्टी के महाधिवेशन की सफलता के लिए दिल्ली कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल, मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और दिल्ली सरकार के मंत्री एवं पदाधिकारी अपनी पूरी ताकत झौंकने में लगे हुए हैं। कांग्रेस का यह महाधिवेशन ऐसे समय आयोजित किया जा रहा है जब कांग्रेस पार्टी भ्रष्टाचार व घोटाले के मुद्दे पर विपक्ष से चौतरफा घिरी हुई है और बिहार चुनाव के नतीजों से निराश कांग्रेस पार्टी को कुछ राज्यों में आने वाले समय में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर भी चिंतित है जिसके लिए पार्टी नई रणनीतियों को तैयार करने के लिए आत्ममंथन करने में भी जुटी हुई है। महाधिवेशन में कांग्रेस खाद्य सुरक्षा को लेकर एक प्रस्ताव तैयार कर रही है ताकि वह भ्रष्टाचार और घोटालों के कारण झेल रही फजीहत के बोझ को हलका कर सके। क्योंकि दूसरी और प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के नेतृत्व में राजग और अन्य विपक्षी दल अलग-अलग मंच से 2जी स्पेक्ट्रम और आदर्श सोसायटी आवंटन घोटाले के साथ राष्ट्रमंडल खेलों में हुए भ्रष्टाचार को लेकर संसद के बाद अपने अभियान को सड़कों पर लेकर खड़े हुए हैँ। इसलिए कहा जा सकता है कि 125वें वर्ष में कांग्रेस का महाधिवेशन देश की राजनीति खासकर कांग्रेस के लिए एक नया रास्ता तय करेगा।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें