शुक्रवार, 3 दिसंबर 2010

विपक्षी एकता तोड़ने के प्रयास में सरकार!

2जी स्पेक्ट्रम पर नहीं थम रहा गतिरोध
ओ.पी. पाल
देश में 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले पर सतारूढ़ और विपक्ष के बीच गतिरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है, जिसके कारण 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति के गठन की मांग पर अड़िग विपक्ष का लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा बरकरार रहा। हालांकि विपक्ष के शोरशराबे में सरकार जरूरी दस्तावेज तथा कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों को बिना चर्चा के ही पारित कराकर विपक्ष की एकता को तोड़ने के फार्मूले का अपना रही है।
संसद के शीतकालीन सत्र में शुक्रवार को 16वें दिन की बैठक भी 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले पर जेपीसी के गठन की मांग को लेकर दोनों सदनो में विपक्ष ने हंगामा करके सदन की कार्यवाही को ठप कराने का काम किया, लेकिन पिछले मंगलवार को सर्वदलीय बैठक के बेनतीजा समाप्त होने पर कांग्रेसनीत यूपीए सरकार ने विपक्ष की एकता बिखरने के तोड़ में एक ऐसा फार्मूला अपनाना शुरू कर दिया कि विपक्षी दलों के शोर शराबे के बीच ही जहां आवश्यक दस्तावेजों को पटल पर रखवा दिया जाता है, वहीं हंगामे और नारेबाजी के शोरशराबे में सरकार ने कुछ जरूरी विधेयकों को पेश कराकर उन्हें बिना चर्चा के ही पारित कराना शुरू करा दिया है। शुक्रवार को भी दोनों सदनों में ऐसे ही कई बिलों को सरकार पेश कराने में सफल रही। सूत्र तो यहां तक कह रहे हैं कि जिस प्रकार सरकार ने महंगाई पर विपक्ष की एकता तो तोड़ा था उसी तरह विपक्ष को बिखरने के प्रयास में सरकार लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश कर सकती है। इसका कारण है कि महिला आरक्षण बिल पर पहले से ही विपक्ष बंटा हुआ है, जिसमें सपा, राजद, बसपा और कुछ अन्य दल महिला आरक्षण के मुद्दे पर अलग मत रखते हैं। महिला आरक्षण पर विपक्ष का बिखराव गत 9 मार्च को राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल के पारित होने के समय दिख चुका था। यह तो तय है कि सरकार संसद के शीतकालीन सत्र का सत्रावसन 13 दिसंबर से पहले नहीं करेगी, क्योंकि दोनों सदनों में विपक्ष के शोरशराबे के दौरान ही संसदीय कार्यमंत्री ने संसद के अगले सप्ताह होने वाले कार्यो की सूची जारी कर दी है। इसके विपरीत जेपीसी को लेकर प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के साथ समूचा विपक्ष का दावा है कि जब तक 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच के लिए जेपीसी का गठन नहीं होता उनकी सरकार से लड़ाई जारी रहेगी। शोरशराबे के बीच बिलों को पारित कराने पर विपक्ष का कहना है कि सरकार इस तरह से बिना चर्चा के बिल पारित कराकर विपक्ष की एकता को तोड़ने का प्रयास कर रही है, लेकिन इस मुद्दे पर विपक्ष की एकता मजबूत है और विपक्ष जनता की आवाज को सदन में उठा रहा है, लेकिन यूपीए सरकार अडयल रवैया अपना रही है।
16वें दिन भी हंगामा
संसद में शुक्रवार को लोकसभा में लोस अध्यक्ष श्रीमती मीरा कुमार ने सभापीठ पर बैठते ही भोपाल गैस त्रासदी की 26वीं वर्षगांठ पर श्रद्धांजलि दी तो उस समय विपक्षी दल शांत रहा और भोपाल गैस त्रासदी में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि भी दी, लेकिन जैसे ही प्रश्नकाल शुरू होना था तो उससे पहले ही हर रोज की तरह शुक्रवार को विपक्ष जेपीसी की मांग करता हुए सदन के बीचों बीच आ गया और शोर मचाने लगा। इस शोरशराबे की स्थिति में मीरा कुमार के पास लोकसभा की कार्यवाही को स्थगित करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था और सदन की कार्यवाही को दोपहर बारह बजे तक स्थगित कर दिया गया। यही स्थिति राज्यसभा में रही। जहां राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने जैसे ही पहला प्रश्न लिया, विपक्ष जेपीसी की मांग करता हुआ नारे लगाने लगा। 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले पर विपक्ष को मनाने की सरकार की अब तक की कोशिश नाकाम रही है और मंगलवार को सभी पार्टियों की बैठक का कोई नतीजा नहीं निकल सका था।

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