प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप से 30 प्रतिशत दाम गिरे
दो-तीन सप्ताह तक दाम बढ़े रहेंगे: कृषि मंत्री
दस दिन में गिर जाएंगे प्याज के दाम: कृषि सचिव
मार्च से पहले सामान्य नहीं होंगी प्याज की दरें: विशेषज्ञ
ओ.पी. पाल
जब कांग्रेस का महाधिवेशन अंतिम चरणों में था तो देश में प्याज के दामों में अचानक हुई वृद्धि ने कांग्रेसनीत यूपीए सरकार के सामने मुश्किलें खड़ी कर दी, हालांकि प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप के बाद 24 घंटे के भीतर ही प्याज की सातवें आसमान पर पहुंची कीमतों में 30 प्रतिशत की कमी भी आ गई। देश की जनता के लिए प्याज के दामों पर कृषि मंत्री पवार ने उसी तरह का बयान दिया जिस प्रकार पिछले साल संसद सत्र के दौरान चीनी के दामों में हुई वृद्धि को लेकर दिये थे। मसलन यह कि प्याज की कीमतों में गिरावट को लेकर केंद्र सरकार कुछ कह रही तो कृषि मंत्री ऐसा बयान देने में फिर पीछे नहीं रहे जिससे सरकार की मुश्किलें कम होने वाली नहीं है। भ्रष्टाचार के खिलाफ राजग की रैली में जहां घोटालों और भ्रष्टाचार के मुद्दे छाए रहे वहीं प्याज की कीमत बेतहाशा वृद्धि पर भी राजग ने यूपीए सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी। राजग की रैली और कांग्रेस के 83वें महाधिवेशन के बीच प्याज की कीमतों से आम जनता के ऐसे आंसू बहाये कि इसमें सीधे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को दखल देना पड़ा और प्रधानमंत्री ने कृषि मंत्री शरद पवार से पूछा कि आखिर हफ्ते भर में प्याज के दाम इतने कैसे बढ़ गए। इसका नतीजा यह हुआ कि सरकार के दखल के बाद प्याज के निर्यात पर तत्काल पर तुरंत रोक लगाई गई और प्रधानमंत्री ने देश को भरोसा दिलाया कि दाम कम करने के लिए तमाम उपाय किए जाएंगे। कृषि मंत्री शरद पवार ने उसी तरह के बयानों की झड़ी लगा दी जिस प्रकार पिछले साल संसद के सत्र के दौरान चीनी के दामों में हुई बेतहाहशा वृद्धि के दौरान देकर सरकार के सामने संकट पैदा कर दिये थे। शरद पवार ने मंगलवार को कहा था कि प्याज की कीमतें अगले 2-3 सप्ताह ज्यादा ही रहेगी और उसी के बाद स्थिति सामान्य हो सकेगी। जबकि उनके इस बयान के विपरीत प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप से 24 घंटे के भीतर 30 फीसदी दाम कम हो सके। पवार तो यहां तक भी कह गये कि सरकार मांग पूरी करने के लिए प्याज का आयात नहीं करेगी, लेकिन सूत्रों के अनुसार सरकार द्वारा 450 टन प्याज पाकिस्तान से मंगवाया गया है। प्याज की दरें बढ़ने पर प्रधानमंत्री ने संबन्धित मंत्रियों को पत्र लिखकर कहा है कि प्याज की बढी कीमतों को कम करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाये जाएं ताकि प्याज की कीमतों को सामान्य स्तर पर लाया जाए। कृषि मंत्री शरद पवार के बयान के उलट कृषि सचिव पीके बसु ने कहा कि नई फसल आने के बाद प्याज की कीमत अगले 7 से 10 दिन में कम हो जाएंगी। प्याज के दामों में भले ही निर्यात पर रोक के बाद करीब 30 फीसदी की गिरावट आई हो, लेकिन अब भी देश की ज्यादातर मंडियों में प्याज 40 से 50 रुपये किलो बिक रही है। लेकिन अब भी यह दाम आम आदमी की पहुंच से प्याज को दूर किए हुए हैं। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि प्याज का यह संकट अगले दो-तीन हफ्ते नहीं बल्कि मार्च तक जारी रहेगा। मार्च में रबी की फसल के बाजार में आ जाने के बाद ही यह संकट दूर होगा। सरकार ने प्याज की कीमतों को नीचे लाने के लिए कोशिशें तेज कर दी हैं। हालांकि वित्त मंत्रालय ने प्याज के आयात पर ड्यूटी में पांच फीसदी की कमी का ऐलान कर दिया है। इससे पहले सरकार ने प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी थी।
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