एमएलए बनी 32 महिलाओं में दो मुस्लिम महिलाएं
ओ.पी. पाल
बिहार विधान सभा में जद-यू-भाजपा गठबंधन के प्रचंड बहुमत में महिलाओं को भी महत्व दिया गया है, जहां विधानसभा पहुंचने वाली महिलाओं की संख्या में भी अरसे बाद बढ़ोतरी हुई है। 243 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा में इस बार 32 महिलाओं को प्रतिनिधित्व देखने को मिलेगा, जिनमें दो मुस्लिम महिलाएं भी विधायक निर्वाचित होकर आई हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बिहार के विधानसभा चुनावों में जहां 48 साल पुराना प्रचंड बहुमत मिला और वह दोबारा सत्ताा पर काबिज हुए हैं वहीं 1962 के बाद सबसे ज्यादा 32 महिलाओं को भी प्रतिनिधित्व मिला है। इन चुनावों में खास बात यह रही कि चुनाव में उतारे गए उम्मीदवारों में महिलाओं की भागीदारी सिर्फ 8.74 प्रतिशत ही थी। साढे पांच करोड़ मतदाताओं के बीच पचास प्रतिशत की हिस्सेदारी रखने वाली बिहार की महिलाओं में से बहुत कम ही पुरूषों के दबदबे वाली राज्य की राजनीति में जगह बना पाई हैं। इनमे दो मुस्लिम महिलाएं भी शामिल हैं जो जद-यू के टिकट पर राजद प्रत्याशी को हराकर विधानसभा में पहुंची हैं। इस चुनाव में जहां साहबपुर कमाल क्षेत्र से जद-यू के टिकट पर जहां परवीन अमानुल्लाह ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नारायण यादव को हराया, तो वहीं कल्याणपुर से इसी पार्टी की उम्मीदवार रजिया खातून ने राजद उम्मीदवार मनोज कुमार यादव को पराजित करके नीतीश की जीत में योगदान दिया है। यदि इन चुनावों में पांच मुख्य पार्टियों सत्ताधारी जेडीयू और बीजेपी, विपक्षी आरजेडी, एलजेपी और कांग्रेस के साथ वामपंथियों के उम्मीदवारों की फेहरिस्त पर नजर डाले तो कुल 90 महिलाओं को टिकट दिया गया। जेडीयू ने सबसे ज्यादा 24 और बीजेपी ने11 महिलाओं को चुनाव मैदान में उतारा। वहीं मौजूदा स्वरूप में महिला आरक्षण बिल का विरोध करने वाली आरजेडी ने छह और एलजेपी ने सात महिलाओं को अपना उम्मीदवार बनाया था। इससे जाहिर होता है कि महिलाओं की तरक्की की राह में कितने रोड़े हैं। बुधवार को आए बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के मुताबिक सत्ताधारी जेडीयू-बीजेपी गठबंधन ने 206 सीटें जीतीं जबकि विपक्षी आरजेडी-एलजेपी गठबंधन को 25 सीटों से ही संतोष करना पडा। कांग्रेस के खाते में चार सीटें आई जबकि और झारखंड मुक्ति मोर्चा और सीपीआई को एक-एक सीट मिली है। अन्य के हिस्से 6 सीटें आई हैं। जहां तक बिहार विधानसभा में मुस्लिम विधायकों का सवाल है तो पिछली विधानसभा में 16 मुस्लिम प्रत्याशी थे, लेकिन इस चुनाव में 19 प्रत्याशी विधानसभा में अपनी जगह बनाने में सफल रहे, जिनमें 1972 के बाद पहली बार दो मुस्लिम महिलाए भी विधानसभा में बैठी नजर आएंगी, वो भी सत्ता पक्ष यानि दोनों महिलाएं जद-यू के टिकट पर जीतकर आई हैं। इससे पहले वर्ष 1972 में राज्य के विभाजन से पहले बिहार विधानसभा में दो महिला मुस्लिम विधायक विधानसभा पहुंची थीं।
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