ओ.पी. पाल
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक में कांग्रेस सुप्रीमो और अन्य वक्ताओं ने विपक्षी दलों पर तो हमले बोले, लेकिन राष्ट्रमंडल खेलों, आदर्श आवासीय सोसायटी, 2जी स्पेक्ट्रम और अन्य घोटालों पर सभी कांग्रेसी नेता पूरी तरह से खामोश रहे जबकि उनके साथ मंच पर इन घोटालों से जुड़े कांग्रेसी भी बैठे हुए थे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह व फिर कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी तथा वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी भी इन घोटालों पर पूरी तरह से चुप्पी साधते दिखाई दिये।
यहां तालकटोरा इंडोर स्टेडियम में आयोजित एआईसीसी की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह आदि वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ एआईसीसी के वे सदस्य भी मौजूद थे जिनका घोटालों में नाम आ रहा है और उनके कारण देश की नाक भी कटी है तो कांग्रेस पार्टी बदनाम हुई, लेकिन एआईसीसी की मंगलवार को हुई इस बैठक में किसी भी वक्ता ने इन घोटालों का तनिक भी जिक्र नहीं किया। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अधिवेशन में अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तमाम मुद्दों पर अपनी राय रखी लेकिन भ्रष्टाचार के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा। सोनिया तो सोनिया, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और महासचिव राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे रखी। हां स्वयं कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी व कांग्रेस महासचिव सरीखे कांग्रेसी नेताओं ने विपक्षी दलों और संगठनों पर तीखे प्रहार करने में कोई कमी नहीं छोड़ी, बल्कि कांग्रेस की जमकर तारीफ की। कांग्रेसी नेताओं ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तथा उससे जुड़े संगठनों का नाम लेते हुए यहां तक कहा कि इन संगठनों के लोग आतंकवाद में संलिप्त हैं, तो वहीं भाजपा का नाम लिए बिना इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ के पिछले महीने आए हालिया फैसले पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने यहां तक कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस करने वालों को माफ नहीं करना चाहिए। एआईसीसी की बैठक में जहां कांग्रेस ने संघ पर निशाना साधा, वहीं मुंबई में आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाले के मामले से वह बचती नजर आयी। जबकि इस विवाद से घिरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और राष्ट्रमंडल खेलों में भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे सुरेश कलमाडी भी बैठक में मौजूद थे। सोनिया ने यह भी कहा कि कांग्रेस और उसके नेतृत्व वाली सरकारें राजनीतिक फायदे के लिये धर्म का दुरुपयोग करने वाले दलों का पुरजोर विरोध करेगी। ये हाल तब है कि राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारियों में हुए घोटाले, आदर्श हाउसिंग घोटाला और 2जी स्पैक्ट्रम जैसे मामले में उसके नेता और सरकार कटघरे में है। जाहिर सी बात है कि कांग्रेस की इस चुप्पी पर विपक्षी दल बीजेपी एवं अन्य पार्टियां मुद्दा बनाने में पीछे नहीं रहेंगी। भाजपा ने तो अधिवेशन में आरएसएस पर हमले को कांग्रेस की असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की रणनीति करार दिया है। आगामी संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्षी दल कांग्रेसनीत केंद्र सरकार को घेरने की रणनीति भी बना रहे हैं जिसमें कांग्रेस की इस बैठक में घोटालों पर कांग्रेस की चुप्पी भी शामिल रहेगी।
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