शुक्रवार, 19 नवंबर 2010

अब एड्स से बचाएगा रेलवे!

अभियान में तैयार किया जादू का खेल
ओ.पी. पाल
भारतीय रेलवे पर लगभग पन्द्रह लाख कर्मचारी हैं जिन्हें इस एड्स जैसी बीमारी से बचाने के लिए उत्तर रेलवे ने कमर कस ली है। उत्तर रेलवे ने रेलवे कर्मचारियों में एड्स के प्रति जागरूकता अभियान शुरू करते हुए संगोष्ठियों में जादू का खेल तैयार किया है। लम्बे समय तक अपने परिवार से दूर रहकर कार्य करने वाले रेल कर्मचारियों जैसे रेलवे सुरक्षा बल के जवान, रेलवे ड्राइवर, गार्ड इत्यादि को इस बीमारी की सम्भावना बहुत अधिक रहती है। थोड़ी सी सावधानी बरतकर इस खतरे को टाला जा सकता है। सामूहिक सामाजिक जिम्मेदारी के एक अंग के रूप में उत्तर रेलवे ने दिल्ली क्षेत्र के सभी बड़े रेलवे स्टेशनों, जिनमें नई दिल्ली, दिल्ली जंक्शन, हजरत निजामुद्दीन, गाजियाबाद शामिल हैं, तथा प्रधान कार्यालय में भी संगोष्ठियों और सूचनाओं के आदान प्रदान से इस दिशा में उल्लेखनीय प्रयास किए हैं। इसके लिए रेलवे संगोष्ठियों के सत्रों में एड्स की बीमारी से ग्रस्त लोगों के साथ रेल कर्मचारियों से बातचीत की जाएगी, वही एड्स के फैलने वाले माध्यमों को केन्द्र में रखते हुए तथा इससे बचाव के तरीकों को ध्यान में रखकर जादू का खेल तैयार किया गया है के तहत नुक्कड नाटक का प्रदर्शन किया जाएगा। इसके अलावा इन सत्रों के आयोजन स्थल पर एड्स जागरूकता सम्बन्धी पोस्टर तथा इच्छुक कर्मचारियों के एड्स परीक्षण की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। इन सत्रों में अब तक लगभग 300 कर्मचारियों ने एड्स सम्बन्धी जांच कराई। यह कार्यक्रम अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के एक गैर सरकारी संगठन इंडिया केयर्स द्वारा एड्स हैल्थ केयर फाउण्डेशन के सहयोग से आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम को इस तरह से डिजाइन किया गया कि इसे देखने वाली भारी भीड़ एड्स विषय पर आधारित नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जागरूक हो सके। इस सत्र में शामिल होने वाले लोगों को 5000 से अधिक निरोध वितरित किए गए। इन सत्रों को मिलने वाली भारी सफलता को देखते हुए उत्तर रेलवे ने आरपीएफ बैरकों और कुछ अन्य कार्यालयों के पास निरोध वितरित करने वाली मशीनें लगाने का निर्णय किया है। उत्तर रेलवे अपने कर्मचारियों एवं उनके परिजनों को विभिन्न बीमारियों एवं उनके प्रभावों से बचाने के लिए हर संभव सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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