गुरुवार, 11 नवंबर 2010

हुमायूं के मकबरा देख प्रफ्फुलित ओबामा दम्पत्ति

ओ.पी. पाल
दिल्ली पहुंचे अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल ओबामा ने भारत की सांस्कृतिक धरोहर और ऐतिहासिक विरासत हुमायूं के मकबरे को देखने के बाद इसे एक चमत्कार तो बताया ही है, वहीं इसे आगरा के ताजमहल का प्रतीक करार देते हुए ओबामा दम्पत्ति बेहद प्रफ्फुलित नजर आये।
मुंबई की यात्रा करने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल ओबामा जैसे ही नई दिल्ली आये तो उन्होने पहले 16वीं सदी में दूसरे मुगल बादशाह की याद में उनकी बेगम द्वारा बनवाये गये हुमांयू के मकबरे को देखने गये। यह ऐतिहासिक स्मारक वैश्विक धरोहर में शामिल है। भारतीय उप महाद्वीप में यह पहला बागों वाला मकबरा है। इसे हुमायूं की विधवा हामिदा बानो ने 1562 में बनवाया था, जिसका डिजाइन ईरान के वास्तुकार मिरक मिर्जा ने तैयार किया था। यह मकबरा हुमायूं के निधन के एक दशक बाद बना था। इस मकबरे को देखने के बाद ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल ऐसी गद्गद नजर आई कि उन्होंने इस मकबरे को आगरा के ताजमहल का प्रतीक बताते हुए इसे एक चमत्कार भी बताया। ओबामा दम्पति के दिल्ली में अपने इस दौरे की शुरूआत 16वीं शताब्दी की इस बेमिसाल इमारत को देखने के साथ करने से ही जाहिर है कि वह इसे देखने के लिए कितने उत्साहित थे। हुमांयू के मकबरे के मुख्य इमारत में प्रवेश करते हुए ओबामा के मुख से निकला कि आश्चर्यजनक और जैसे ही जैसे ओबामा दम्पति आगे बढ़ते गये तो उन्होंने इस ऐतिहासिक इमारत के चमत्कार को स्वीकारा और इसकी तुलना आगरा के ताजमहल से की। उन्होंने माना कि ऐसी इमारत को यदि बनाया जाये तो बेहद कितना कठिन होगा। उन्होंने मकबरे की इमारत को बनाने वाले वास्तुकारों की क्षमता का भी अनुमान लगाया। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को आधुनिक शहर की संज्ञा देते हुए ओबामा ने कहा कि भारत की राष्ट्रीय राजधानी की जडें सभ्यता से जुड़ी विरासत में शाहतन हैं। ओबामा ने इस मकबरे को देखकर माना कि हुमायूं के मकबरे से ही प्रेरित होकर वास्तुकारों ने ताजमहल जैसे दुनिया के सातवें अजूबे के निर्माण का रास्ता तैयार किया होगा। ओबामा अमेरिका के पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं, जो हुमायूं का मकबरा देखने गए। इसी इमारत की वास्तु के तर्ज पर 17वीं सदी में ताजमहल का निर्माण किया गया था। उसके बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीक्षण पुरातत्वविद (दिल्ली) के के मुहम्मद ओबामा दंपत्ति को मकबरा दिखाने ले गए। उन्होंने उन्हें इस इमारत से जुडी सभी जानकारियां भी दीं। मुहम्मद उन्हें इमारत के इतिहास की जानकारी देने के बाद मकबरे को घेरे हुए हरे भरे उद्यान में ले गए। दक्षिण दिल्ली के निजामुद्दीन में लाल पत्थरों से बनी इस इमारत का हाल ही में आगा खान सांस्कृतिक ट्रस्ट और एएसआई ने जीर्णोद्धार किया है। इमारत के प्रवेश द्वार पर ओबामा का स्वागत एएसआई के महानिदेशक गौतम सेनगुप्ता और अन्य अधिकारियों ने किया। सफेद शर्ट, काली पतलून और टाई पहने ओबामा और उनकी पत्नी ने मकबरे से जुड़ी जानकारियों को ध्यान से सुना। उन्होंने इस इमारत के विविध पहलुओं से जुड़ी जानकारियां भी हासिल कीं। ओबामा और मिशेल ने उन 14 बच्चों से भी मुलाकात की, जो इमारत में काम करने वाले मजदूरों के हैं। इन बच्चों ने ओबामा दंपत्ति ने हाथ मिलाया। ये बच्चे चार से दस साल उम्र के थे और उनके साथ उनके माता पिता भी ओबामा से मिलने आए थे। ओबामा और मिशेल ने इन बच्चों को कुछ तोहफे दिए। ओबामा ताज देखने नहीं जा रहे हैं, जहां पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन सन 2000 में अपनी भारत यात्रा के दौरान गए थे। अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा के लिहाज से मकबरे और उसके आसपास के इलाके को किले में तब्दील कर दिया गया था।

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