ओ.पी. पाल
एआईसीसी की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को जब एक प्रस्ताव के तहत राष्ट्रीय कांग्रेस कार्यसमिति और अन्य समितियों के सदस्यों का चयन की जिम्मेदारी सौंपी गई तो उन्होंने कहा कि कांग्रेसजनों ने उनके ऊपर भरोसा जताया है तो इस चयन में कुछ लोगों को घाटा उठाने के लिए भी तैयार रहना चाहिए। सोनिया के इन शब्दों पर तालकटोरा में मौजूद देशभर के हजारों कार्यकर्ताओं ने तालिया बजाकर उनकी इस बात का स्वागत किया।
एआईसीसी के सदस्यों की यहां तालकटोरा स्टेडियम में हुई बैठक में सोनिया को सर्वसम्मति से ये अधिकार दिए जाने पर उन्होंने अपने समापन भाषण में कहा कि फिर से उनके ऊपर एक और बड़ी जिम्मेदारी आपने सौंप दी गई है। कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्य समिति और दूसरी समितियों के सदस्यों के चयन की जिम्मेदारी को उन्होंने एक चुनौती पूर्ण जिम्मेदारी बताया और कहा कि यह काम जितना आसान दिखता है उतना आसान नहीं है। उन्होंने कहा कि यह तय है कि कहीं न कहीं किसी न किसी को शिकायत रह जाएगी कि उसकी उपेक्षा की गई है, लेकिन उन्हें विश्वास है कि कांग्रेस कार्यकर्ता धैर्यवान हैं और कांग्रेस ऐसी पार्टी है कि किसी भी कार्यकर्ता के धैर्य को टूटने नहीं देती और कभी न कभी ऐसे र्धर्यवान को जिम्मेदारी सौंप दी जाती है। लेकिप जब सभी कार्यकर्ताओं ने उन (सोनिया) पर भरोसा किया है तो किसी न किसी को तो घाटा उठाने के लिए तैयार रहना चाहिए। सोनिया ने सदस्यों के ठहाकों के बीच अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि वैसे कांग्रेस में धीरज रखने से नंबर कभी न कभी आ ही जाता है। धैर्य रखे तो नंबर आ ही जाएगा। उन्होंने कहा कि चूंकि यह बैठक संगठन से जुड़े मुद्दों पर आधारित है, इसलिए इसे संक्षिप्त रखा गया है और अगले महीने होने वाले पार्टी के महाधिवेशन में सभी मुद्दों और सभी प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। कांग्रेस अध्यक्ष ने इस बात पर गर्व जताया कि हमारी राय एक है, हमारे सुर एक हैं और हमारे कदम एक दिशा में बढ़ते हैं। यही हमारी असली ताकत है।
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