रविवार, 31 अक्तूबर 2010

सोनिया पर छोड़ा जा सकता है फैसला

कार्यसमिति के गठन में चुनाव के आसार कम
एआईसीसी की बैठक मंगलवार को
ओ.पी. पाल
कांग्रेस के महाधिवेशन से पहले कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यसमिति का गठन करने की कवायद तेजी से की जा रही है, जिसके मद्देनजर मंगलवार यानि दो नवंबर को अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की बैठक में तय किया जाएगा कि कार्यसमिति के चुनाव के लिए चुनाव प्रक्रिया को अमल में लाया जाएगा या राष्ट्रीय कार्यसमिति के गठन के लिए सदस्यों के चयन करने का अधिकार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौँपा जाएगा? ऐसी संभावना है कि कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी को ही सर्वशक्तिमान मानकर कांग्रेस कार्यसमिति के गठन में मनोनीत करने के लिए अधिकृत कर दिया जाए।
श्रीमती सोनिया गांधी के चौथी बार लगातार पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की मंगलवार को पहली बैठक होगी। इस बैठक को लेकर कांग्रेस के हलके में चर्चा है कि जिस प्रकार कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं में कांग्रेस प्रमुख श्रीमती सोनिया गांधी पर जिस प्रकार सभी फैसले करने के लिए अधिकृत करने की परंपरा जोर पकड़ती जा रही है तो उसे देखते हुए पार्टी की राष्टÑीय कार्यसमिति के गठन में चुनाव कराने की नौबत शायद ही आए। पिछले सप्ताह ही इसी अधिकार के तहत 18 राज्यों के प्रमुखों की घोषणा भी कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी ने ही की है। इसलिए माना जा रहा है कि मंगलवार की बैठक में ही सोनिया गांधी को सर्वशक्तिमान कांग्रेस कार्यसमिति मनोनीत करने के लिए अधिकृत किये जाने की उम्मीद की जा रही है। जहां तक इस बैठक के एजेंडे का सवाल है उसमें केवल राजनीतिक स्थिति पर एक प्रस्ताव पारित किया जायेगा, जिसकी घोषणा पहले ही कांग्रेस संचालन समिति की बैठक में की जा चुकी है। प्रदेश अध्यक्षों के नामों के लिए पहले ही सभी सोनिया गांधी पर विश्वास व्यक्त कर चुके हैं इसलिए ज्यादा उम्मीद यही है कि इस बैठक में राष्ट्रीय कांग्रेस कार्यसमिति मनोनीत करने की मांग की जा सकती है। कांग्रेस के नेताओं में कोई भी ऐसा उत्साह नजर नहीहं आ रहा है कि कोई कार्यसमिति के सदस्य के लिए नामांकन दाखिल करेगा। हालांकि कांग्रेस के संविधान में संशोधन के सुझाव पर भी पार्टी हाईकमान विचार कर रहा है। एआईसीसी की बैठक के बारे में पार्टी के कुछ नेताओं का कहना है कि कई वफादार इस अवसर का लाभ उठाते हुए सोनिया गांधी के प्रति एकजुटता व्यक्त करते हुए उनको कांग्रेस कार्यसमिति मनोनीत करने के लिए अधिकृत एक लाइन का प्रस्ताव का दबाव बना रहे हैं। वैसे कांग्रेस कार्यसमिति यानि सीडब्ल्यूसी चुनावों पर अधिकृत लाइन यह है कि एआईसीसी के करीबन एक हजार सदस्यों को तय करना है कि इसका मुकाबला किया जाये या फिर सोनिया गांधी को ही सर्वशक्तिमान कांग्रेस कार्यसमिति के 25 सदस्यों को मनोनीत करने के लिए अधिकृत किया जाये। कांग्रेस के संविधान के अनुसार कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्यों में से कार्यसमिति के चुनावों के लिए एक निर्वाचन मंडल गठन किया जाना है जिसमें 12 के चुनाव और 11 के नामांकन के लिए प्रावधान है। कांग्रेस संसदीय दल का नेता हमेशा पार्टी का प्रमुख होने के साथ-साथ सीडब्ल्यूसी का सदस्य होता है। कांग्रेस में हमेशा चुनाव के बजाय नामांकन पर अधिक जोर दिया जाता है। सोनिया गांधी के नाम की पहले ही एक सप्ताह पहले एक दर्जन से अधिक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सिफारिश कर चुके हैं। एआईसीसी में प्रत्येक राज्य से 25-25 सदस्य शामिल होने का प्रावधान हैं जिनकी राष्ट्रीय कार्यसमिति के गठन के लिए होने वाले चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका होती है, लेकिन संभावना है कि कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती गांधी को ही कार्यसमिति के गठन का अधिकार सौँपा जाएगा?

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