बुधवार, 14 जुलाई 2010

जगन ने फिर बढ़ाई कांग्रेस की मुश्किलें!

ओ.पी. पाल
कांग्रेस हाईकमान की मनाही के बावजूद कांग्रेस सांसद जगनमोहन रेड्डी ने आंध्र प्रदेश में अपनी दिलासा यात्रा को शुरू करके सीधे बगावती तेवर जाहिर कर दिये, भले ही उनकी यात्रा को हिंसक घटनाओं को देखते हुए राज्य सरकार ने फिर से यात्रा को बाधित कर दिया हो, लेकिन वह कांग्रेस हाई कमान द्वारा भेजे गये कारण बताओ नोटिस की परवाह किये बिना अपनी जिद पर अड़िग हैँ। राज्य में यदि यात्रा फिर से शुरू होती है तो भी कांग्रेस की प्रतिष्ठा दांव पर है और यदि यात्रा को रोका जाता रहा तो भी कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ना स्वाभाविक है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे वाईएस राजशेखर रेड्डी की हवाई दुर्घटना में मौत के बाद अपने समर्थकों के बीच जाने के लिए उनके सुपुत्र वाईएसआर जगन मोहन रेड्डी ने दिलासा यात्रा शुरू की थी, लेकिन प्रदर्शन के कारण उसे बीच में रद्द कर दिया गया था। हिंसक प्रदर्शन में मारे गये समर्थकों को सात्वंना देने के लिए जगन ने अपनी दिलासा यात्रा को गत गुरुवार को फिर से शुरू किया, जबकि कांग्रेस हाईकमान ने उसे यात्रा शुरू न करने की हिदायत दी थी। जगन मोहन रेड्डी अपनी माता के साथ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मिले थे और यात्रा शुरू करने की अनुमति मांगी थी, जिस पर कांग्रेस हाईकमान ने यात्रा न निकालने की हिदायत देकर सलाह दी थी कि वह समर्थकों को एक जगह एकत्र करके उन्हें दिलासा और उनकी आर्थिक मदद करने के लिए कदम उठाये। जगनमोहन ने कांग्रेस हाईकमान की हिदायत को नजरअंदाज करते हुए दिलासा यात्रा को गत गुरुवार को शुरू कर दिया, जिसमें जगन मोहन का राज्य की जनता का भरपूर समर्थन मिलने का भी दावा किया गया। हाईकमान के अनुरोध के अलावा यात्रा के दौरान हालात बिगड़ता देखकर कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं और तेलंगाना के 11 सांसदों ने भी पार्टी हाई कमान से इस यात्रा को रोकने का अनुरोध किया था। यही नहीं गुरुवार को ही कांग्रेस के महासचिव वीरप्पा मोइली और राज्य के कई मंत्रिओं ने जगन से राज्य की कानून व्यवस्था को बिगडने से बचाने के लिए यात्रा को टालने का अनुरोध किया, लेकिन जगन ने तो कांग्रेस से बगावत करने का मूड बना रखा था और अपनी यात्रा को बदस्तूर जारी रखने का फैसला किया। इसी जिद का परिणाम रहा कि शुक्रवार को जब उसने वारंगल जाने की कोशिश की तो महबूबनगर में झड़पे शुरू हो गई और जगन समर्थकों व विरोधियों में पत्थरबाजी की घटनाएं शुरू हो गई। इन झड़पों के दौरान हुई फायरिंग में कांग्रेस की विधायक कविता घायल हो गई तो उनके अंगरक्षकों ने भीड़ पर गोली चला दी जिसमें नौ लोग घायल हो गये। हिंसक घटनाओं के कारण राज्य की कांग्रेस की सरकार ने ही कांग्रेस सांसद जगन मोहन रेड्डी की गिरफ्तारी करनी पड़ी। इस गिरफ्तारी के विरोध में भी उसके समर्थकों ने प्रदर्शन और हिंसक घटनाओं को तेज कर दिया। तो वहीं तेलांगना आंदोलन से जुड़े संगठनों ने जगन की यात्रा को तेलांगना में आने से रोकने के लिए संघर्ष को हवा देने का प्रयास किया। ऐसे में जब जगन समर्थक और तेलांगना समर्थक आमने-सामने हो तो राज्य में कानून व्यवस्था बिगड़ने से कांग्रेस पार्टी की ही किरकीरी हो रही है। हालांकि कांग्रेस हाई कमान ने मनाही के बावजूद दिलासा यात्रा शुरू करने वाले कांग्रेस सांसद जगन मोहन रेड्डी को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है, लेकिन यह तो तय माना जा रहा है कि जगन और कांग्रेस हाईकमान के आमने सामने आने से आंध्र प्रदेश की कांग्रेस दो गुटों में बंटना तय है। इस कारण आंध्र प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस को जगन की यात्रा तथा यात्रा को रोकने दोनों पहलुओं से ही मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल जगन मोहन रेड्डी राज्य में अपने पिता स्व. वाईएस राजशेखर रेड्डी की विरासत को संभालना चाहते हैं, लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने उनके बजाए के. रोसैया को मुख्यमंत्री पद पर बैठा दिया। तभी से जगनमोहन रेड्डी कांग्रेस हाईकमान की नीतियों से नाराज हैं और अपनी पिता की राजनीतिक विरासत का अहसास कराने के लिए ही वह राज्य में प्रदर्शन के दौरान आत्महत्या करने वाले लोगों के परिजनों को दिलासा दिलाने के नाम पर यात्रा को बार-बार शुरू करने का प्रयास कर रहे है।

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