बुधवार, 14 जुलाई 2010

धोनी ऐसे ही नहीं बने बड़े ब्रांड!

शेखर लूथरा
कहना न होगा कि टीम इंडिया के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी का सितारा बुलंदियों पर है, लेकिन भारतीय क्रिकेट में उनकी तुलना सचिन तेंदुलकर से करना बेमानी होगी। भाले ही धोनी के रिति स्पोटर्स एवं टेलेंट मैनेजमेंट कंपनी के साथ तीन साल के लिए 210 करोड़ रुपये का करार होने से वह अभी तक के सबसे बड़े ब्रांड सचिन तेंदुलकर को पीछे छोड़ गये हों, लेकिन अभी भारतीय क्रिकेट टीम के लिए सचिन के मुकाबले भविष्य में अभी बहुत कुछ करना है।
हां, यदि महेन्द्र सिंह धोनी के व्यक्तिगत प्रदर्शन को देखें तो एक विकेट कीपर के रूप में उन्होंने इंडिया टीम को उस मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया है, जहां इससे पहले विकेटकीपर टीम की हार को बचाने के लिए खेलते थे, लेकिन धोनी टीम को विजय दिलाने के खेलते नजर आए हैं। यदि बात की जाए कि धोनी इतना बड़ा क्रिकेट ब्रांड कैसे बना? तो इसके वह हकदार भी हैं जिन्हें एक कूल कैप्टन के रूप में देखा जाता है और उनका व्यक्तिगत प्रदर्शन भी अच्छा है। लेकिन यदि सचिन तेंदुलकर की तुलना की जाए तो क्रिकेट के मैदान पर धोनी शायद अपने पूरे क्रिकेट कैरियर में उन्हें पार नहीं कर पाएंगे। सचिन ने वर्ष 2006 में 180 करोड़ रुपये का करार करके सबसे धनवान खिलाड़ी होने का खिताब अभी तक अपने नाम रखा था। अब धोनी ने रिति स्पोटर्स कंपनी से 210 करोड़ रुपये का करार किया है, जिसमें देश के सबसे महंगे खिलाड़ी के रूप में महेन्द्र सिंह धोनी को इस जॉइंट वेंचर में विज्ञापन, पोस्टर जैसी तस्वीरों के इस्तेमाल, कोपरे प्रोफाइल, पेटंट और डिजीटल राइट के बारे में एंडोर्समेंट की देखरेख करने की जिम्मेदारी होगी। यह बात भी दिगर है कि धोनी जैसा क्रिकेटर कोई एक दिन में इतना बड़ा ब्रांड नहीं बन जाता उसके लिए खिलाड़ियों के प्रदर्शन और टीम इंडिया के लिए कुछ कर दिखाने की क्षमता हासिल करनी होती है, जिसकी योग्यता धोनी में है। जब धोनी ने दिसंबर 2004 में एक दिवसीय अंतरार्ष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था तो किसी ने भी यह नहीं सोचा होगा कि एक विकेट कीपर इतनी जल्दी हर तरह के क्रिकेट फार्मेट के साथ-साथ एक कप्तान के रूप में भी अपने आपको इतनी कुशलता से साबित कर सकता है। लेकिन महेन्द्र सिंह धोनी ने युवाओं के साथ जिस प्रकार से भारतीय क्रिकेट का स्वरूप बदलने का काम किया है उससे उसकी योग्यता दुनिया के सामने है। क्रिकेट हो या कोई अन्य क्षेत्र सभी में भाग्य को भी बलवान माना गया है। इस मामले में भी धोनी का सितारा हमेशा बुलंद रहा है। जहां तक रिति स्पोर्ट्स एंड टेलेंट मैनेजमेंट कंपनी राइट स्पोर्ट्स मैनेजमेंट एंड माइंड स्केप वन का सवाल है उसे धोनी के अति घनिष्ठ मित्र अरविंद पांडे ने ही प्रोत्साहित किया है, जिनका धोनी के साथ हुए इस करार में सबसे बड़ा हाथ है। इस कॉमर्शियल युग में कोई भी कंपनी ऐसे खेल ब्रांड को अपने साथ जोड़ती रही है जिसने अपने प्रदर्शन का लोहा मनवाया है। धोनी की स्टाइल और उसके प्रदर्शन ने ही शायद इस कंपनी को अपनी ओर आकर्षित किया हो। हालांकि धोनी जैसे क्रिकेटरों के लिए ब्रांड एंबेसडर बनाने के ऑफरों की कमी नहीं होती, फिर भी इतना बड़ा करार भारतीय क्रिकेट के इतिहास में पहली बार देखने को मिला है। इस करार से धोनी सबसे बड़े धनवान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को पीछे छोड़कर सर्वोच्च स्थान पर तो आ गये हैं, लेकिन उनके इस ब्रांड की सार्थकता इसी माह शुरू हो रही श्रीलंका टेस्ट सीरिज और त्रिकोणीय श्रृंखला में सिद्ध होगी। धोनी को यह भी मालूम है कि उसकी टीम के दो चोटी के गेंदबाज जहीर खान और श्रीसंत चोटिल होने के कारण उनके साथ नहीं है ऐसे में यदि धोनी स्वयं और टीम के प्रदर्शन से सीरिज जीतने में सफल होते हैं तो इस ब्रांड का पूरा देश सम्मान करेगा, वरना श्रीलंका से असफल वापस लौटने पर देश को ही नहीं स्वयं कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी को भी झटका लगेगा। ऐसे में धोनी के सामने श्रीलंका के साथ क्रिकेट श्रृंखला एक चुनौती से कम नहीं होगी।          (ओ.पी. पाल से बातचीत पर आधारित)

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