शनिवार, 31 जुलाई 2010

नेहवाल को खेल रत्न से बढ़ी अपेक्षाएं!

ओ.पी. पाल
देश की शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल को केंद्र सरकार ने राजीव गांधी खेल रत्न देने का फैसला वाकई भारतीय खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने वाला कदम है जिसे पाने के लिए नेहवाल हकदार भी है। दुनिया की दूसरे नंबर की बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने यह मुकाम हासिल करके देश का ही नहीं बल्कि हरियाणा का भी गौरव बढ़ाया है। इस पुरस्कार पाने वाली साइना नेहवाल से देश की और भी अपेक्षाएं बढ़ गई हैं कि वह अपने और अधिक बेहतरीन प्रदर्शन के जरिए दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी बनकर उभरे।
अर्जुन पुरस्कार हासिल कर चुकी साइना नेहवाल ने जिस तरह अपने प्रदर्शन में सुधार किया उसी का नतीजा था कि वह अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में एकाग्रता का परिचय देते हुए सफलता की बुलंदियों पर चढ़ती गई और आल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में जगह बनाने में तो कामयाब हुई, वहीं उसने लगातार तीन खिताब हासिल करके दुनिया की दूसरे नम्बर की बैडमिंटन खिलाड़ी बनने का भी गौरव हासिल किया। 20 वर्षीय साइना ने गत वर्ष और इस वर्ष ऐसी कामयाबियां हासिल की हैं जो भारतीय बैडमिंटन के इतिहास में पहले कभी नहीं सुनी गई थीं। भारत की बैडमिंटर सुपर स्टार साइना को यदि 'महिला प्रकाश पादुकोण' कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। खेल विशेषज्ञ मानते हैं कि साइना नेहवाल ने बेहतरीन प्रदर्शन करके देश का नाम रोशन किया है और दुनिया की दूसरे नंबर की बैडमिंटन खिलाडी बनी है तो वह राजीव गांधी खेल पुरस्कार पाने की हकदार बन ही चुकी थी। इस पुरस्कार से उसके खेल में ओर भी सुधार आएगा और उसके लिए यह पुरस्कार प्रोत्साहन का काम भी करेगा। 17 मार्च 1990 को जन्मी साइना को इस मुकाम पर पहुंचाने के लिए जिस प्रकार से उसके पिता डा. हरबीर सिंह ने अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया था उस पर साइना नेहवाल खरी उतरी। राजीव गांधी खेल पुरस्कार हासिल करने वाली साइना नेहवाल ऐसी युवा खिलाड़ी बन गई है जिसे सबसे कम उम्र में यह मुकाम हासिल हुआ है। साइना नेहवाल को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के लिए चुने जाने पर बैडमिंटन के राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद का कहना है कि साइना नेहवाल जैसी देश की शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी इस पुरस्कार को पाने की हकदार है, जिससे उसका मनोबल बढ़ सकेगा। गोपीचंद अपनी शिष्या साइना नेहवाल की इस कामयाबी से बेहद खुश हैं। उनका मानना है कि इस पुरस्कार से वह और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित होगी। इस पुरस्कार को पाने वाली साइना नेहवाल से अब देश के लोगों की और भी अपेक्षाएं बढ़ गई हैं कि साइना नेहवाल और भी बेहतर प्रदर्शन करके दुनिया की शीर्ष खिलाड़ी बने। यह पुरस्कार मिलने से साइना अपने राष्ट्रीय कोच गोपीचंद के बाद ऐसी दूसरी बैडमिंटन खिलाड़ी बन गई है जिसे देश का सर्वोच्च खेल सम्मान मिल रहा है। वहीं इस पुरस्कार से देश की उभरती बैडमिंटन खिलाड़ियों को भी एक प्रेरणा का काम करेगा, जो नेहवाल की तरह अपने प्रदर्शन से देश का गौरव बढ़ा सकें। राष्ट्रीय कोच गोपीचंद नेहवाल को देश का सर्वोच्च खेल सम्मान मिलने पर स्वयं भी कहते हैँ कि नेहवाल के अलावा जो खिलाड़ी बेहतर फार्म में हैं उनके लिए यह पुरस्कार निश्चित तौर पर प्रेरणा दायक और मनोबल बढ़ाने वाला साबित होगा। अब साइना नेहवाल के सामने विश्व चैंपियनशिप, राष्ट्रमंडल खेल और एशियाई खेलों में अच्छा प्रदर्शन करने की चुनौती है जिससे वह स्वयं भी स्वीकारती हैं। अगले महीने ही 23 से 29 अगस्त तक पेरिस में होने वाली विश्व चैँपियनशिप तथा उसके बाद तीन से 14 अक्टूबर तक भारत की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में साइना नेहवाल से देश को इसी बुलंद हौंसले के साथ बेहतरीन प्रदर्शन करने की अपेक्षाएं हैं।

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