बुधवार, 14 जुलाई 2010

पाक ने फिर किया तिरंगे का अपमान!


ओ.पी. पाल
पिछले महीने ही इस्लामाबाद में भारत और पाकिस्तान के गृहमंत्रियों के बीच हुई बातचीत के दौरान भारतीय झंडे को उल्टा लगा दिया गया था, जिस पर पाक सरकार के खेद के बाद भारत सरकार ने इस मुद्दे को ज्यादा तूल न देने की बात कहकर ठंडे बस्ते में डाल दिया था। कल पंद्रह जुलाई को भारत-पाक के बीचे विदेश मंत्री स्तर की वार्ता होनी है जिससे पहले एक बार फिर पाकिस्तान ने भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का अपमान करके फिर से अपने उन मंसूबों को जाहिर कर दिया है कि वह भारत को सम्मान की दृष्टि से नहीं देखना चाहता?
पाकिस्तान ने हाल ही में राजस्थान की जैसलमेर से सटी सीमा पर पाक रेंजर व बीएसएफ के बीच हाल ही हुई संयुक्त बैठक में भारतीय ध्वज उल्टा फहरा दिया, जिसे बाद में बीएसएफ अधिकारियों के एतराज जताने पर बाद में तिरंगा सीधा किया गया। ऐसा ही गत 26 जून को इस्लामाबाद में गृहमंत्री पी. चिदंबरम के ऐतराज के बाद तिरंगे को सीधा किया गया था। बार-बार राष्ट्रीय तिरंगे का पाकिस्तान द्वारा किया जा रहा अपमान अनजाने में नहीं कही जा सकती। इससे पहले आगरा शिखर वार्ता में भी ऐसा एक मौका आ चुका है जब तत्कालीन पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ और भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की वार्ता हो रही थी। गलती एक या दो बार होती है, लेकिन हर बार इस प्रकार की घटनाओं से यही कहा जा सकता है कि पाकिस्तान जान बूझकर ऐसी हरकतें करने पर आमदा है। दरअसल बरसों बाद जैसलमेर की बबलियान सीमा चौकी के सामने पाकिस्तानी सीमा में पाक रेंजर और बीएसएफ के कमांडेंट स्तर की बैठक हुई। सिंध प्रांत के रेंजर मुख्यालय की ओर से सीमा पार आयोजित बैठक में पाकिस्तान व भारत के ध्वज लगाए गए थे। जैसलमेर बीएसएफ के कमाडेंट पीके धवन और उमेश कुमार के साथ गए डिप्टी कमाडेंट डीपी सिंह की नजर उल्टे लगाए तिरंगे पर पड़ी तो उन्हें नागवार गुजरा। उन्होंने दोनों कमाडेंट को इससे अवगत कराते हुए विरोध जताया। इस पर रेंजर अधिकारियों ने भूलवश तिरंगा उल्टा लगाने की बात कहते हुए तिरंगा वहां से हटा दिया। बाद में तिरंगा बदल कर दूसरा लगाया गया। इसके बाद बीएसएफ व पाक रेंजर के बीच द्विपक्षीय मसलों पर बातचीत शुरू हो पाई। हालांकि इस बैठक में बीएसएफ कमाडेंट ने सीमा पार से लगातार हो रही घुसपैठ और तस्करी की घटनाओं को हवाला देते हुए उसे रोकने की हिदायत दी। बैठक में सीमा पार अवैध ओपी टावर व बंकर वगैरह का निर्माण करवाने का भी विरोध जताया गया। बीएसएफ व रेंजर की संयुक्त गश्त का दायरा बढ़ाते हुए मजबूत करने पर जोर दिया गया। बीएसएफ जैसलमेर सेक्टर के डीआईजी डा़ बी.आर. मेघवाल की माने तो एक माह के भीतर ही दो बार तिरंगे का अपमान करना पाकिस्तान की जानबूझकर की जा रही हरकतों से कम नहीं है, जिन पर भारत सरकार को पाकिस्तान को सख्त हिदायत देकर कड़ा ऐतराज जताने की जरूरत है।

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