शुक्रवार, 30 जुलाई 2010

राष्ट्रमंडल खेलों में घोटाले से घिरी सरकार!

ओ.पी. पाल
देश की राजधानी में तीन से 14 अक्टूबर को होने वो 19वें राष्ट्रमंडल खेलों पर जहां पहले से आतंकवाद के खतरे के मंडराते साये के कारण सुरक्षा को लेकर सवाल उठते रहे हैँ, वहीं खेल परियोजनाओं मे निर्माण कार्य में भारी अनियमितताओं का खुलासा करने वाले केंद्रीय सतर्कता आयोग यानि सीवीसी ने इस खुलासे के बाद कथित घोटाले की चौतरफा उठती उच्चस्तरीय मांग को देखते हुए एमसीडी के कुछ अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्ष्टाचार का मामला दर्ज कराने और निर्माण कार्य के लिए टेंडरों में हुए घपले की नए सिरे से जांच कराने के लिए सीबीआई से सिफारिश की है। देश के सम्मान से जुड़े राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन से पहले कथित घोटाले के खुलासे ने केंद्र और दिल्ली सरकार के साथ ही राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है।
केंद्रीय खेल मंत्री एमएस गिल भले ही राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारियों को लेकर यह दावा कर रहे हों कि 18 में से 16 साइट बनकर पूरी तरह तैयार हो चुकी है, लेकिन इन्हीं साइटों में 15 साइटों की जांच के बाद केंद्रीय सतकर्ता आयोग ने राष्टÑमंडल खेलों की तैयारियों के लिए निर्माण के लिए 14 परियोजनाओं में पाई गई भारी अनियमितता और निर्माण कार्यो की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिये हैं, जिसके कारण केंद्र व दिल्ली सरकार के साथ ही आयोजन समिति के अलावा सरकारी निर्माण एजेंसियों को कटघरे में खड़ी होती नजर आने लगी हैं। सीवीसी ने निर्माण कार्य में कथित घोटाले का खुलासा करने के बाद खेल परियोजनाओं के लिए टेंडर जारी करने में हुई अनियमितताओं के सिलसिले में एमसीडी के कुछ अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई से भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करने की भी सिफारिश कर दी है। सूत्रों के अनुसार सतर्कता आयोग ने इस अनियमिता की शिकायत सीबीआई को भी भेज दी है, जिससे सम्भावना है कि राष्ट्रमंडल खेलों की परियोजनाओं में हुए घोटाले सीबीआई के जांच दायरे में भी आ जाएंगे। सीबीआई से अज्ञात एमसीडी अधिकारियों के खिलाफ कथित आपराधिक षड्यंत्र के मामले में जांच करने को भी कहा गया है। सीवीसी ने अपनी जांच में पाया है कि खेल परियोजनाओं के निर्माण में सबसे कम कीमत लगाकर अनुबंध हासिल करने वाले ठेकेदार को बाद में मुनाफा कमाने की नीयत से कथित तौर पर आंकड़े बदलने की इजाजत दे दी गई। दरअसल सीवीसी के मुख्य तकनीकी जांच प्रकोष्ठ ने 14 परियोजनाओं में भारी पैमाने पर भ्रष्टाचार संबंधी रिपोर्ट बनाई है। सीवीसी ने मुख्य सतकर्ता अधिकारियों को सभी टेंडरों की नए सिरे से जांच के लिए कहा है, जिसमें भ्रष्टाचार के मामले का दायरा बढ़ने की आशंका है। पूर्व खेल मंत्री एवं भाजपा महासचिव विजय गोयल का कहना है कि राष्ट्र के सम्मान से जुड़े राष्ट्रमंडल खेलों की अभी तक तैयारियां पूरी नहीं हैं और जो भी तैयारियां की जा रही हैं उनमें सीवीसी ने गुणवत्ता पर सवालिया निशान लगाते हुए भारी अनियमितता होने का खुलासा कर ही दिया है। गोयल का कहना है कि जब राष्ट्रमंडल खेलों पर आतंकी साया छाया हो तो सीवीसी की रिपोर्ट के बाद घटिया निर्माण के कारण दुर्घटनाओं का खतरा भी होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। उनका कहना है कि खेलों की तैयारियों के नाम पर सरकारी एजेंसियों ने जिस प्रकार का खेल किया है उससे निर्माण कार्य की कीमत तो बढ़ी ही हैँ वहीं अनुभवहीन निर्माण एजेंसियों को भी परियोजनाओं का ठेका दिया गया है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रमंडल खेलों में अनियमितताओं और खेलों की तैयारियों में हो रहे विलम्ब के लिए आयोजन समिति के अलावा केंद्र तथा दिल्ली सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है। निर्माण एजेंसियों ने ठेकेदारों को मुनाफा कमाने के लिए राजधानी में बनी बनाई सड़कों, फुटपाथों और खंभों आदि को तोड़ने का काम किया है और आज की स्थिति में दिल्ली के सभी मार्ग खुदाई के कारण दयनीय स्थिति में है। गोयल ने कहा कि गेम के बाद सभी प्रकार की अनियमितताओं की न्यायिक जांच होना जरूरी है। राष्ट्रीय जनता दल और लोक जनशक्ति पार्टी ने राष्ट्रमंडल खेलों से जुड़े निर्माण कार्यों में कथित अनियमितताओं की उच्च स्तरीय जांच की मांग की। ये निर्माण कार्य राजधानी में कई सरकारी विभागों की अच्र से कराए जा रहे हैं। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव का कहना है कि राष्ट्रमंडल खेलों से जुड़े निर्माण कार्यों में भारी घपला और भारी लूट एक सुनियोजित अनियमितता है, जिसका खुलासा केंद्रीय सतर्कता आयोग की जारी रिपोर्ट में सामने आ गया है। लालू यादव ने इस पूरे मामले की उचित जांच की मांग करते हुए कहा कि अपराधियों को हवालात में पहुंचाया जाना चाहिए, क्योंकि यह राष्ट्र के सम्मान का मामला है। लोजपा के अध्यक्ष रामविलास पासवान ने भी कथित अनियमितताओं की उच्चस्तरीय जांच की वकालत की है। कांग्रेस सांसद जगदम्बिका पाल ने कहा कि यदि निर्माण कार्य में अनियमितता हुई है तो उसकी जांच होनी चाहिए, क्योंकि कांग्रेस और सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों की कभी हिमायत करने वाली नहीं है।

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