रविवार, 31 अक्तूबर 2010

तो 2012 से शुरू हो जाएगा अंतरिक्ष पर्यटन

ओ.पी. पाल
दुनिया भर में पर्यटन क्षेत्र का विस्तार हुआ है तो दुनिया भर के धनवान पर्यटकों का एक ही सपना बचा है कि वे पृथ्वी के चक्कर काट रहो स्पेस शटल एंडेवर अंतरिक्ष में जाएं। ऐसे पर्यटकों का यह सपना भी साकार होने जा रहा है यानि 2012 से वर्जिन गैलैक्टिक स्पेस टूरिज्म की फ्लाइट शुरू करने जा रहा है जो विमानों के लिए नए रनवे तैयार कर चुका है, जिसका दावा है कि 2012 से वह लोगों को अतंरिक्ष तक घुमाएगा।
गैलैक्टिक स्पेस कंपनी के मालिक रिचर्ड ब्रैंसन ने लोगों के इस सपनो को साकार करने के लिए अमेरिका के न्यू मेक्सिको में नए रनवे तैयार कर लिये हैँ। ब्रैंसन का कहना है कि यह स्पेस एज का दूसरा दौर है और हमें गर्व है कि हम कहानी के इस मोड़ पर अपना योगदान दे रहे हैं। उनका मानना है कि यहां से शायद हर रोज अंतरिक्ष के लिए फ्लाइटें रवाना होंगी। यही नहीं वैज्ञानिक, एक्सप्लोरर हमारे ग्रह के आगे और नए विकल्प तलाश रहे हैँ जिसके बाद इन सेवाओं का विस्तार संभव हो सकेगा। अंतरिक्ष पर्यटन के लिए लोगों के पहुंचाने की पुष्टि नील आर्मस्ट्रॉन्ग के साथ चांद पर कदम रखने वाले एड्विन 'बज' एल्ड्रिन का भी कहना है कि यह कोई सपना ही नहीं बल्कि हकीकत होगी कि आम लोग अंतरिक्ष में जा सकेंगे। जब 2012 के अंतरिक्ष टूरिस्ट स्पेसशिप 2 या वीएसएस एंटरप्राइज पर सवार होंगे और इसमें छह यात्रियों के लिए जगह है और इसकी टेस्टिंग इस साल मार्च में संपन्न हुई। इस अभियान के तहत शुक्रवार को ही आकाशगंगा मिल्की वे-पृथ्वी का घर विमान ने रनवे से टेक आॅफ किया और काफी देर तक आसमानों की ऊंचाईयों में घूमता रहा। कंपनी की माने तो स्पेसशिप करीब 18 मीटर लंबी है। शून्य गुरुत्व का आभास कर रहे अंतरिक्ष यात्री आराम से इसके कैबिन में तैर सकेंगा। उड़ान भर रहा स्पेसशिप का 'मदर शिप' वाइट नाइट 2 या ईव, स्पेसशिप को 50 हजार फीट की ऊंचाई तक ले जाएगा और उसे वहां छोड़ देगा। स्पेसशिप 2 अपना रॉकेट फायर करेगा और रॉकेट के दम पर अंतरिक्ष पहुंच जाएगा। बाहर पहुंचकर स्पेसशिप में बैठे यात्री पृथ्वी को विमान की गोलाकार खिड़कियों यानी पोर्टहोल से देख सकेंगे। बताया जा रहा है कि अपने सीटबेल्ट उतार कर आराम से शिप में तैर भी सकेंगे। ब्रैंसन का तो यहां तक कहना है कि इस वक्त स्पेसशिप को सबआर्बिटल ही रखा गया है, यानी स्पेसशिप को इस तरह लांच किया जाएगा कि वह पृथ्वी के चारों तरफ एक पूरा चक्कर न काट सके। कुछ समय बाद पृथ्वी के चक्कर काटने वाले शिप्स भी बनाए जा सकेंगे। यही नहीं अंतरिक्ष में होटल भी बनाए जा चुके हैं जिनकी बुकिंग गैलेक्टिक ने वर्ष 2005 से ही शुरू कर दी थी। एक टिकट का दाम है लगभग दो लाख डॉलर यानी करीब 80 लाख रुपये होगा, लेकिन इस दर पर भी 380 से ज्यादा लोग अंतरिक्ष की यात्रा करने को तैयार हैं। अंतरिक्ष का अनुभव रखने वाले महानुभावों के अलावा 2012 में जा रहे कुछ यात्री भी रनवे के उद्घाटन के समय मौजूद रहे। अगर अंतरिक्ष जाने के लिए महंगी टिकट आम आदमी को खटकती है, तो इसमें कोई चिंता वाली बात नहीं है। पृथ्वी पर रहकर भी तेज रफ्तार के मजे लिए जा सकते हैं। वर्जिन एक ऐसे तकनीक पर काम कर रहा है जिससे कुछ सालों में पृथ्वी पर ही एक जगह से दूसरे जगह तक और कम समय में पहुंचा जा सके।

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