रविवार, 31 अक्तूबर 2010

आखिर लग ही गया डोपिंग का दाग

ओ.पी. पाल
आखिर दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में भी डोपिंग का दाग लग ही गया है, वहीं राष्ट्रमंडल खेलों में 100 मीटर की फर्राटा दौड में यह पहला ऐसा मौका होगा, जब स्वर्ण पदक तीसरा स्थान हासिल करने वाली धावक को मिलेगा और इस प्रकार से चौथे और पांचवे स्थान पर रही धावको को क्रमश: रजत और कांस्य पदक मिलेगा। दरअसल इन राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान सीजीएफ के 1500 डोपिंग परीक्षण के लक्ष्य में दूसरे दौर के 450 परीक्षण में नाइजीरियन महिला ओसायेगी ओलूदामोला को डोपिंग परीक्षण में पॉजीटिव पाया है यानि डोपिंग टेस्ट में फेल हो गई। यह नाइजीरियन धावक महिलाओं की फरार्टा 100 मीटर दौड़ की विजेता है जिसे तत्काल प्रभाव से अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया गया है।
उन्नीसवें राष्ट्रमंडल खेलों में डोपिंग का यह पहला मामला सामने आया है। इससे पहले 500 डोपिंग परीक्षण किये गये थे, जो सभी निगेटिव यानि कोई भी खिलाड़ी उसमें दोषी नहीं पया गया, लेकिन दूसरे दौर के डोपिंग परीक्षण में नाइजीरिया की महिला धावक ओसायेगी ओलूदामोला पकड़ में आ गई, जिसने 100 मीटर की फर्राटा दौड़ अपने नाम की है। अभी तक राष्ट्रमंडल खेल महासंघ ने 950 खिलाड़ियों के नमूने टैस्ट कराएं हैँ, जिनमें से 700 के परिणाम सामने आ चुके हैं और इसमें यह महिला धावक डोपिंग के डंक का शिकार हो गई। राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) के अध्यक्ष माइकल फेनेल ने डोपिंग के मिले इस मामले के बारे में सोमवार को बताया कि नाइजीरियाई एथलीट के नमूने में प्रतिबंद्धित पदार्थ मीथाइलहेक्सानिमाइन पाया गया। हालांकि ओसायेमी ने अपने इ नमूने के टेस्ट की अपील दायर की है। फेनेल ने कहा कि इस मामले में तुरंत सुनवाई की जा रही है और सीडब्लूडी की कोर्ट इस मामले की जल्द से जल्द सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सामने ला देगी। फेनेल ने कहा कि यह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक खिलाड़ी डोप टेस्ट में दोषी पाई गई है। उन्होंने कहा कि डोपिंग का यह मामला अफसोसजनक है जब तक बी सैंपल की जांच के नतीजे नहीं आ जाते तब तक 24 साल की इस धावक को सस्पेंड माना जाएगा और उनका मेडल भी रोक लिया जाएगा। उनका कहना है कि प्रतियोगिता चाहे बड़ी हो या छोटी, डोपिंग में पॉजिटिव पाया जाना बहुत दुखद है इसलिए हम लोग साफ सुथरे खेलों और साफ सुथरे मुकाबले के लिए काम कर रहे हैं। नाइजीरिया की ओलुडामोला को इन राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक बहुत ही नाटकीय तरीके से मिला। रेस में पहले नंबर पर आस्ट्रेलिया की सैली पियरसन रही थीं, लेकिन गत गुरुवार को हुई इस रेस के बाद पियरसन को डिस्क्वॉलिफाइ कर दिया गया था और उसके स्थान पर स्वर्ण पदक नाइजीरियन ओलुडामोला को दिया गया। दुर्भाग्यवश अब अगर उनका बी सैंपल भी पॉजिटिव पाया जाता है तो यह स्वर्ण पदक तीसरे नंबर पर रही नताशा मायर के खाते में चला जाएगा। नाइजीरियाई टीम के प्रमुख एलियास उस्मान गोरा का कहना है कि डोपिंग के इस मामले से वह बहुत ज्यादा निराश और सदमे में हैँ, क्योंकि हम अपने खिलाड़ियों को यहां सही खेल भावना से मुकाबला करने के लिए लेकर आए हैं। यदि दूसरे टेस्ट की जांच भी पॉजिटिव पाई जाती है तो हमारे लिए यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति होगी। गोरा ने ओलुडामोला को एक अच्छी एथलीट करार देते हुए कहा कि इससे पहले ओलुडामोला का इस प्रकार का कोई रिकार्ड नहीं है।

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