ओ.पी. पाल
भारतीय कुश्ती के महानायक बनते जा रहे विश्व चैँपियन और ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार ने 19वें राष्ट्रमंडल खेलों में दूसरा और लगातारा चौथा खिताब अपने नाम करके यह साबित कर दिया है कि भारत ही कुश्ती का मक्का है और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय कुश्ती का कोई सानी नहीं होगा।
रेलवे के अधिकारी सुशील कुमार ने हाल ही में मास्को में हुई विश्व चैंपियनशिप में 66 किलोग्राम फ्रीस्टाइल वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले भारतीय बने सुशील ने कहा था कि उसके लिए 19वें राष्ट्रमंडल खेल अत्यंत महत्वपूर्ण हैं जिसमें उन्होंने यह भी दावा किया था कि इन खेलों में भारतीय पहलवान कम से कम 14 स्वर्ण पदक भारत की झोली में डालेंगे। इन खेलों में जिस प्रकार भारत के पहलवान सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे हैं उससे उनका दावा उससे भी कहीं बेहतर साबित हो रहा है। वह स्वयं ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए फ्रीस्टाइल कुश्ती स्पर्धा में 66 किलोग्राम वर्ग के मैच में पहले सेमीफाइनल में गाम्बिया के फमारा जार्जोउ को मात्र नौ सेकेंड में परास्त करने के बाद फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के पहलवान को चीत करके स्वर्ण पदक हासिल किया। इस कुश्ती के गवाह यहां गवाह कांग्रेस युवराज राहुल गांधी भी बने, जिनमें पहलवान सुशील कुमार के प्रति उनकी दीवानगी बढ़ती नजर आ रही है। राष्टÑमंडल खेलों के शुरू होने से पहले ही पहलवान सुशील कुमार ने भारतीय कुश्ती के लिहाज से महत्वपूर्ण बताया था। उनका कहना है कि इतिहास भी इस बात का गवाह है कि अधिकांश पहलवानों ने एशियाई व विश्व स्तरीय स्पधार्ओं में भारत को पदक दिलाये है। उनका कहना है कि चार साल पहले मेलबोर्न राष्ट्रमंडल खेलों से कुश्ती को हटा दिया गया था, जिसके कारण वह पदक जीतने से वंचित रह गये थे, इसलिए भारत की मेजबानी में हो रहे राष्ट्रमंडल खेलों का उसे और उसके साथी पहलवानों को बेसब्री से इंतजार था। अब यह घड़ी आ गई तो इसमें वह किसी भी कीमत पर चूकना नहीं चाहते। इसी लक्ष्य का परिणाम भारतीय पहलवान देश के सामने भी दे रहे हैं। उनका कहना है कि भारतीय कुश्ती अंतर्राष्ट्रीय पर अपनी धाक बनाने में सफल होगी। सुशील कुमार ने राष्ट्रमंडल खेलों में अन्य पुरुष एवं महिला पहलवानों के शानदार प्रदर्शन को भी सराहा और कहा कि कुश्ती के बल पर भारत पदक तालिका में भी सम्मानजनक स्थिति में है। जहां तक कुश्ती के महानायक सुशील कुमार की उपलब्धियों का सवाल है उसमें उनका कोई सानी नहीं है। सुशील ने वर्ष 2008 में पेईचिंग ओलिम्पिक में काँस्य पदक जीतकर सभी को हैरान कर दिया था। वह राष्ट्रमंडल कुश्ती चैम्यिनशिप में लगातार चार बार स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। यही नहीं उन्होंने इस वर्ष मई में नई दिल्ली में हुई एशियाई चैम्पियनशिप में भी स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। राष्ट्रमंडल खेलों के ब्रांड एम्बेसडर सुशील को कुश्ती में शानदार प्रदर्शन के लिए गत वर्ष देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार 'राजीव गाँधी खेल रत्न' से भी नवाजा जा चुका है। भारत को सुशील कुमार जैसे पहलवान पर नाज है, जिसने भारत का सिर ऊंचा करने में अपने प्रदर्शन को शानदार बनाया है।
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