शनिवार, 23 अक्तूबर 2010

वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान प्रणाली करेगी मदद

ओ.पी. पाल
राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारियों में सरकार की फजीहत के लिए इस बार हुई रिकार्ड तोड़ बारिश भी रही है, लेकिन पिछले 5-6 दिन से मौसम में आए बदलाव से आयोजन समिति ने निश्चित तौर पर राहत की सांस ली होगी, क्योंकि पिछले सप्ताह मौसम विभाग ने खेलों के दौरान भी बारिश होने की संभावनाएं व्यक्त की थी, जिसके बाद केंद्र सरकार ने एक योजना को कार्यान्वित करते हुए वायु गुणवत्ता, पूर्वानुमान एवं शोध की तकनीक स्थापित कर देगी जो खेलों के दौरान अपना काम करती रहेगी।
तीन से 14 अक्टूबर तक होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के मद्देनजर आयोजन समिति के सहयोग से वायु गुणवत्ता, पूवार्नुमान एवं शोध (सफर) ने केंद्र सरकार के भूगर्भ और विज्ञान मंत्रालय के साथ एक योजना को कार्यान्वित करने का उद्देश्य यही है कि खेलों के दौरान मौसम की जानकार मिलती रहे। इस प्रणाली को देश की मौसम सुविधाओं में अतिरिक्त तकनीक के तौर पर जो़डा गया है। आयोजन समिति इस बात से पूरी तरह से वाकिफ है कि यह खेल आयोजन दिल्ली के पर्यावरण पर एक सकारात्मक प्रभाव डालेंगे। इस वजह से पर्यावरण मुद्दों और योजनाओं को भारत सरकार के साथ आगे बढ़ाने के सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं। अच्छे स्वास्थ्य के लिए स्वस्थ्य हवा को बुनियादी जरूरत माना जाता है। वायु गुणवत्ता और मौसम प्रभाव खेल के अन्य पहलू हैं। मौसम की पहले से जानकारी आयोजकों, मैनेजरों और एथलीटों की तैयारियों में सुविधा पहुंचाने में काफी मदद करेगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य आम लोगों के बीच हवा गुणवत्ता को लेकर जागरूकता पैदा करना है। भूगर्भ एवं विज्ञान मंत्रालय ने इसके लिए 11 "एअर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन" और 35 "आटोमेटिक वेदर" उपकरण लगा दिए हैं जिनमें जीपीएस सोनेद आब्जर्वेशन और डॉप्लर वेदर रडार भी शामिल हैं। यह पहली बार है जब भारत वायु गुणवत्ता भविष्यवाणी प्रणाली का उपयोग कर रहा है। नई दिल्ली पहला शहर होगा जो कि ओजोन, नाइट्रोजन आॅक्साइड, कार्बन मोनोआॅक्साइड, बेंजीन, टोल्यूनि और ब्लैककार्बन की पहले से जानकारी देगा। सरकार ने पुख्ता इंतजाम किए हैं कि दिल्ली के अलग अलग इलाकों के स्टेडियम में पहले से ही हवा गुणवत्ता और मौसम की जानकारी प्राप्त हो सके। इस परियोजना में चार घटक शामिल किए गए हैं, जिनमें राष्ट्रीय राजधानी क्षे़त्र के लिए वायु प्रदूषण का उत्सर्जन सूची का विकास और भारत के लिए वायु गुणवत्ता को परिभाषित करने के अलावा वास्तविक समय वायु गुणवत्ता की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए 11 वायु गुणवत्ता मॉनीटरिंग स्टेशन स्थापित होंगे। जबकि यह 11 अलग अलग आटोमेटिक वेदर स्टेशन में में भी स्थापित रहेंगे। थ्री-डी वायुमंडलीय रसायन मॉडल मौसम भविष्यवाणी मॉडल के साथ मिलकर चौबीस घंटे पहले वायु प्रदूषण स्तर और अन्य पहलुओं की जानकारी देगा तो वहीं आम लोगों की सुविधा के लिए दिल्ली के अलग अलग मुख्य इलाकों में एलईडी और एलसीडी स्क्रीन पर इससे संबंधित सभी तरह की जानकारियां उपलब्ध होती रहेंगी।

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