रविवार, 31 अक्तूबर 2010

भ्रष्ट देशों में तीन पायदान चढ़ा भारत

राष्ट्रमंडल खेलों ने की छवि खराब
ओ.पी. पाल
दुनिया में सोमालिया लगातार सबसे बड़ा भ्रष्ट देश बना हुआ है, जिसके बाद अफगानिस्तान व इराक जैसे देश आते हैं। पाकिस्तान भी लगातार इसी रफ्तार से भ्रष्टाचार देश की सूची में ऊपर आ चुका है, लेकिन राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारी में जिस प्रकार का घोटाला हुआ है उससे भारत पीछे जाने के बजाए ऊपर आया है।
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल लगातार भ्रष्ट देशों की रैंकिंग तैयार करने के लिए सर्वेक्षण करता रहा है, जिसमें उसके ताजे सर्वेक्षण में अभी भी सोमालिया लगातार दुनिया का सबसे भ्रष्ट देश बना हुआ है, लेकिन राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारियों ने देश की छवि को दुनिया में खराब किया है इसे इंकार नहीं किया जा सकता। हालांकि सोमालिया के बाद भ्रष्ट देशों में अफगानिस्तान और इराक जैसे देशों के नाम आते आते ह। बर्लिन स्थित गैर सरकारी संगठन ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के ताजा सर्वे के के अनुसार भारत में भी एक साल पहले की तुलना में भ्रष्टाचार में इजाफा हुआ है। इस संगठन द्वारा कराए गये ताजा सर्वे के नतीजों पर नजर डालें तो दुनिया में भ्रष्टाचार की गंभीर समस्या को इंगित करते हैँ। इस भ्रष्टाचार जैसे कैंसर से बहुत से गरीब और जरूरतमंद लोगों को ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ रही है। संगठन के नतीजे तो यही कहते हैँ कि भ्रष्टाचार की समूची अंतर्राष्ट्रीय स्थिति बेहद की चिंताजनक है। भ्रष्ट देशों की सूची देखें तो सोमालिया के बाद अफगानिस्तान व म्यांमार दूसरे स्थान पर रखा गया है, जबकि इराक सबसे भ्रष्ट देशों में चौथे नंबर पर है। इस सर्वेक्षण के अनुसार जो किसी देश के अस्थिर होने की दर भ्रष्टाचार के ग्राफ को बढ़ाती रही है। ऐसे में विश्व समुदाय पर इस बात की जिम्मेदारी आती है कि वह तथाकथित विफल राष्ट्रों में भरोसेमंद सरकारी ढांचा तैयार करने में मदद करें। दूसरी तरफ डेनमार्क, न्यूजीलैंड और सिंगापुर में सबसे कम भ्रष्टाचार दर्शाया गया है। इनके बाद फिनलैंड, स्वीडन, कनाडा और नीदरलैंड्स का नंबर आता है। जबकि चिली, इक्वाडोर, मेसेडोनिया, कुवैत और कतर को अलग से ऐसे देशों में रखा गया है जिसमें भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम में कामयाबी मिली है। सबसे कम भ्रष्टाचार के मामले में अमेरिका को 178 देशों में 22वें पायदान पर रखा गया है जबकि चीन व ग्रीस 78वें और इटली 67वें स्थान पर आते हैं। इस सर्वेक्षण में भारत में भ्रष्टाचार की स्थिति एक साल पहले के मुकाबले और गंभीर हुई है। जहां पिछले साल भारत 84वें स्थान पर था, वहीं इस साल तीन पायदान खिसक कर 81वें स्थान पर आ गया है, यदि ईमानदारी की दर देखें तो इसे 3.3 अंक के साथ 87वां स्थान भी कहा जा सकता है। इसमें चीन 78वें स्थान पर यानी भारत से बेहतर स्थिति में है। हालांकि पाकिस्तान पिछले साल के मुकाबले कहीं ज्यादा खिसकते हुए 42वें स्थान से आठ पायदान ऊपर चढ़कर 34वें स्थान पर पहुंच गया है। सर्वेक्षण के मुताबिक भ्रष्टाचार के कारण बदनाम हुए राष्ट्रमंडल खेलों का असर देश की छवि पर भी पड़ा है। यह सच है कि ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की सूची में राष्ट्रमंडल खेलों में भ्रष्टाचार की रिपोटों का असर देश में भ्रष्टाचार को लेकर आम धारणा पर पड़ा है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया के अध्यक्ष पीएस बावा का कहना है कि भारत के ईमानदारी अंक तथा पायदान दोनों घटे हैं जो खेदजनक व चिंताजनक है। ऐसा लगता है कि दक्ष प्रशासकों के बावजूद भारत में प्रशासन का स्तर नहीं सुधरा है। गौरतलब है कि यह इंडेक्स शून्य से 10 अंक के आधार पर निर्भर करता है और इसमें भ्रष्टाचार तथा भ्रष्ट गतिविधियों पर नियंत्रण की सरकार की क्षमता को ध्यान में रखा जाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में हाल ही में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में व्यापक भ्रष्टाचार की रिपोटों का नकारात्मक असर देश की छवि पर पड़ा है। यह भी सनद है कि केंद्रीय सतर्कता आयोग, प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग तथा कैग सहित अनेक संस्थाएं इन खेलों में भ्रष्टाचार की जांच में जुटी हैं।

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