राष्ट्रमंडल खेलों में स्कॉटलैंड के खिलाफ औसत प्रदर्शन करने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम का गत चैम्पियन आस्ट्रेलिया के खिलाफ रोमांचक मुकाबला होने की संभावना है, जिसमें भारत टीम को स्कॉटलैंड के खिलाफ खेले गये ड्रा मैच की गलतियों से सबक लेकर आस्ट्रेलया को चित करने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा।
भारतीय महिला हॉकी टीम ने जिस प्रकार वर्ष 2002 के मैनचेस्टर राष्ट्रमंडल खेल के दौरान प्रदर्शन करके पहली बार स्वर्ण पदक अपनी झोली में डाला था, उससे कहीं बेहतर प्रदर्शन करने का भारतीय लड़कियों के पास एक सुनहरा अवसर है। भारत को पूल-ए में आस्ट्रेलिया, पाकिस्तान, स्कॉटलैंड और मलेशिया के साथ रखा गया है। हालांकि अपने पहले आसान मुकाबले में भारत को स्कॉटलैंड के खिलाफ 1-1 से ड्रा से ही संतोष करना पड़ा। भारत को अब अपने वर्ग में एक कठिन मुकाबला गत चैंपियन आस्ट्रेलिया से खेलना है, जिसमें भारत को उम्मीद है कि उसकी टीम स्कॉटलैँड के साथ हुए पिछले मैच में हुई गलतियों को सुधार कर बेहतरीन प्रदर्शन करेंगी। भारत की सेमीफाइन में पहुंचने की राह भी आस्ट्रेलिया को हराने के बाद ही आसान होगी। इस लिहाज से भी भारत के लिए बुधवार का मैच अत्यंत महत्वपूर्ण और संघर्षपूर्ण होगा। भारतीय महिला हॉकी टीम का राष्ट्रमंडल खेलों का रिकार्ड अच्छे प्रदर्शन का गवाह रहा है, जिसमें मैनचेस्टर राष्ट्रमंडल में स्वर्ण पदक जीतने के बाद भारत उसी साल चैँपियन चैलेंज में कांस्य जीता था, तो 2004 में भारत की मेजबानी में हुए दिल्ली के एश्यिा कप में स्वर्ण पदक अपनी झोली में डाला था। जबकि 2006 एशियन गेम्स में कांस्य पदक लिया तो पिछले मेलबोर्न राष्ट्रमंडल खेलों में उसे रजत पदक पर संतोष करना पड़ा था। यानि यूं कहा जा सकता है कि महिला हॉकी का जारी पदकों का सफर यहां अपनी धरती पर राष्ट्रमंडल खेलों में पदकों की हैट्रिक पर टिका है जिसके लिए उसके पास एक स्वर्णिम अवसर भी है। स्कॉटलैंड के साथ पहले मैच में अपनी खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर निराश व्यक्त करते हुए भारतीय कोच संदीप सोमेश का कहना है कि मैच के शुरूआत में तो हम पूरी तरह नर्वस थे, लेकिन फिर भी लड़कियों ने मैच को ड्रा खेलकर दम दिखाने का प्रयास किया। आस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत का मुकाबला आसान नहीं है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि भारतीय महिलाएं इस बुधवार को मैच में पूरा दमखम दिखाते हुए बेहतर खेल का प्रदर्शन करने में सक्षम होंगी। कोच सोमेश कहती हैँ कि स्कॉटलैंड के साथ्ज्ञ पहले मैच में भारतीय फॉरवर्ड पंक्ति ने बिल्कुल निराश किया, जबकि गोलकीपर दीपिका मूर्ति भी फॉर्म में नजर नहीं आई। यदि हमारा डिफेंस दमदार नहीं होता तो पिछली उप विजेता टीम पहले ही मैच में उलटफेर का शिकार हो सकती थी। हालांकि भारतीय कप्तान सुरिंदर कौर ने माना है कि टीम अपेक्षा के अनुरूप नहीं खेल पाई, लेकिन उन्होंने आगे बेहतर प्रदर्शन का वायदा किया। उनका कहना है कि हम आगे अपनी गलतियों से सबक लेकर बेहतर प्रदर्शन करेंगे। दूसरी ओर गत चैम्पियन आस्ट्रेलियाई टीम का राष्ट्रमंडल खेलों में बेहतरीन रिकॉर्ड रहा है जिसने तीनों बार स्वर्ण पदक जीते और अभी तक सिर्फ एक मैच गंवाया है। टीम में 16 में से 11 खिलाड़ी पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों में भाग ले रहे हैं जबकि निकोल आरोल्ड, मडोना ब्लिथ ,केट हॉलीवुड , टोनी क्रोंक और कोबी मैकग्रक मेलबर्न खेलों का हिस्सा थी। कोच फ्रेंक मूरे मानती हैँ कि उनकी टीम भले ही स्वर्ण की प्रबल दावेदार हो, लेकिन वह कम से कम भारत को हलके में नहीं लेगी, क्योंकि भारत को उसकी धरती पर किसी के लिए हराना आसान नहीं है।
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