रविवार, 31 अक्तूबर 2010

भारत व इंग्लैंड में लगी रही होड़

ओ.पी. पाल
उन्नीसवें राष्ट्रमंडल खेलों में विभिन्न खेलों की स्पर्धाओं में सभी देशों के खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन करके अपने देश को पदकों की तालिका में सम्मानजनक स्थान देने का प्रयास कर रहे हैँ। इस पदक तालिका के मुकाबले में खासकर दूसरे स्थान पर बने रहने के लिए भारत और इंग्लैंड में रस्साकशी चल रही है, लेकिन भरतीय खिलाड़ियों के बेजोड़ प्रदर्शन की बदौलत अभी तक भारत दूसरे स्थान पर कायम है, जबकि शीर्ष पर चल आस्ट्रेलिया को पार पाना अब मुश्किल ही नहीं, बल्कि असंभव ही है।
भारतीय खिलाड़ियों ने पदक हासिल करने में राष्ट्रमंडल खेलों के इतिहास में अपने पिछले सभी रिकार्ड ध्वस्त कर दिये हैं, जिनका श्रेय खिलाड़ियों के बेजोड़ प्रदर्शन का परिणाम है। राष्ट्रमंडल खलों के आठवे दिन यानि सोमवार को भी इंग्लैंड के खिलाड़ी अपने देश को पदक तालिका में भारत से आगे नहीं ले जा सके। हालांकि सोमवार को भारत के हाथ एक भी स्वर्ण पदक नहीं लग सका, लेकिन इंग्लैंड को भी स्वर्ण पदक तक नहीं जाने दिया गया। भारत 29 स्वर्ण पदकों के साथ पदक तालिका में दूसरे स्थान पर बना हुआ है, जबकि इंग्लैंड के पास 26 स्वर्ण पदक है और वह तीसरे स्थान पर है। इंग्लैंड का प्रयास है कि किसी तरह उनके खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन करके भारत को पछाड़कर पदक तालिका में किसी तरह दूसरे स्थान पर चला जाए, लेकिन भारतीय खिलाड़ियों के बेजोड़ प्रदर्शन के सामने इंग्लैंड की यह कोशिश अभी तक तो नाकाम है। गत शनिवार को तो इंग्लैंड एक बार पदक तालिका में आस्ट्रेलिया के बाद दूसरे स्थान पर आ गया था, लेकिन इंग्लैँड का यह सपना कुछ ही मिनटो बाद फिर उस समय चकनाचूर हो गया था, जब गोल्डन ब्वाय गगन नारंग ने राष्ट्रमंडल खेलों में अपना चौथा स्वर्ण पदक हासिल करते ही पदक तालिका में भारत को फिर से दूसरे स्थान पर विराजमान कर दिया। इसके बाद कभी एक तो कभी दो और कभी तीन स्वर्ण पदकों से इंग्लैंड पिछड़ता आ रहा है, लेकिन अभी तक भारत के मुकाबले वह दूसरे स्थान पर लाख कोशिशों के बाद भी नहीं आ पाया। रविवार को भारत ने पांच स्वर्ण, इतने ही रजत और कांस्य सहित कुल 15 पदक हासिल करके इंग्लैंड को पीछे छोड़े रखा। भारतीय पुरुष हाकी टीम ने पाकिस्तान पर 7-4 की जोरदार जीत से सेमीफाइनल में जगह बनाकर भारतीयों को पदक तालिका में पदक की उम्मीद कायम की, तो इससे पहले ही कुश्ती में सुशील कुमार ने स्वर्ण पदक जीतकर इंग्लैँड के साथ पदकों को लेकर दूसरे स्थान के लिए चल रही रस्साकशी में भारत को अव्वल ही रखा। वहीं इन खेलों में भारत राष्ट्रमंडल में पदक हासिल करने के अपने पिछले रिकार्ड भी ध्वस्त कर रहा है और अब राष्ट्रमंडल खेलों में मैनचेस्टर के 30 स्वर्ण पदक के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को पीछे छोड़ने के लिए केवल दो सोने के तमगे और चाहिए। मैनचेस्टर में भारोत्तोलन के प्रत्येक भार वर्ग में तीन स्वर्ण पदक दिए जाते थे, जो अब नहीं होता है। पदक तालिका में दूसरे स्थान को लेकर भारत और इंग्लैंड के बीच लगी होड़ में भारतीय खिलाड़ियों से उम्मीद है कि आने वाली स्पर्धाओं में वह अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के जरिए इंग्लैड को पदक तालिका में अपने से पीछे ही रखे, क्योंकि भारतीय खिलाड़ियों को जरा सी चूक भी इंग्लैंड को पदक तालिका में दूसरे स्थान पर ले जा सकता है, जिसके लिए उसके खिलाड़ी जीतोड़ प्रयास भी कर रहे हैं। अभी तक जहां भारत 29 स्वर्ण, 22 रजत और 24 कंस्य के साथ पदक तालिका में दूसरे स्थान पर है तो इंग्लैंड 26 स्वर्ण 46 रजत और 33 कांस्य के साथ दूसरे स्थान पर बना 61 स्वर्ण, 39 रजत और 37 कांस्य के साथ पदक तालिका में शीर्ष पर है।

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