रविवार, 31 अक्तूबर 2010

सुपर-30 का आईआईटी में एक और कदम!

अब पांचवीं कक्षा से ही बच्चों को तराशेगी
ओ.पी. पाल
आईआईटी में गरीब परिवारों के मेधावी छात्रों को मुफ्त प्रशिक्षण देकर उन्हें सफलता की मंजिल हासिल कराने वाली शैक्षणिक संस्था सुपर-30 ने दुनियाभर में प्रसिद्धि हासिल करने के बाद एक ओर कदम बढ़ाने का निर्णय लिया है, जिसमें यह संस्था अब एक ऐसा स्कूल आरंभ करने की योजना बना रही है, जिसमें पांचवीं कक्षा से ही बच्चों को आईआईटी के लिए प्रशिक्षित किया जा सके।
भारतीय प्रौद्योगिक संस्थानों यानि आईआईटी में गरीब परिवारों के मेधावी छात्रों का दाखिला दिलाने के लिए निशुल्क प्रशिक्षित करती आ रही शैक्षणिक संस्था सुपर-30 प्रत्येक वर्ष गरीब परिवारों के 30 मेधावी छात्रों का प्रशिक्षण के लिए चयन करती है, जिसमें अब उसे बढ़ती संख्या को देखते हुए इस चयन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस संस्था के संस्थापक आनंद कुमार ने इसके लिए एक नया तरीका निकाला है। इस कदम को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने एक योजना तैयार की है जिसमें एक ऐसी शिक्षण संस्थ आरंभ की जाएगी, जिसमें पांचवीं कक्षा से ही बच्चों को आईआईटी के लिए प्रशिक्षित किया जा सके। पटना स्थित इस संस्था सुपर-30 के संस्थापक आनंद कुमार का कहना है कि गरीबी के कारण अधिकांश बच्चों निचली कक्षाओं में ही स्कूल छोड़ देते हैं। इसकी वजह से देश न जाने कितने प्रतिभाओं को खो देता उसकी कोई गिनती नहीं है। आनंद मानते हैं कि आज हमें 30 बच्चों को खोजने में कठिनाई आ रही है। यदि हम पांचवीं कक्षा से ही बच्चों को प्रशिक्षित करने लगे तो हमारे पास प्रतिभावान छात्रों की कोई कमी नहीं रहेगी और उन्हें हम स्कूली जीवन से ही आईआईटी के लिए प्रशिक्षित कर सकेंगे। इस लिहाज से हमारी योजना 'स्कूल फॉर फ्यूचर प्लानिंग' खोलने की है, जिसमें गरीब परिवारों के मेधावी छात्रों की पहचान कर उन्हें पांचवीं कक्षा से ही आईआईटी के लिए तराश जा सके। इसके कई फायदे होंगे, जिसमें उन छात्रों को प्लेटफार्म मिल जाएगा जो निचली कक्षाओं में ही स्कूल छोड़ने को मजबूर हो जाते है, वहीं दूसरा यह कि कुछ सालों बाद हमें मेधावी छात्रों को खोजने में कठिनाई नहीं होगी, क्योंकि जब बच्चों को पांचवीं कक्षा से ही प्रशिक्षित किया जाएगा तो वे निश्चित तौर पर आगे का अपना रास्ता आसान कर लेंगे। गौरतलब है कि यह संस्थ बच्चों की पढ़ाई से लेकर उनके खाने-पीने व रहने तक का खर्च उठाते हैं और उन्हें मुफ्त में प्रशिक्षित करती आ रही है। अब इस योजना को आगे बढ़ाने के उद्देंश्य से एक ऐसा स्कूल आरंभ करने की योजना बना रहे हैं जिसमें कक्षा पांच से ही आईआईटी का प्रशिक्षण दिया जा सके। इस संस्था ने अब आन लाइन अध्ययन कराने का प्रस्ताव भी रखा है। यह प्रस्ताव कुछ उन विदेशी संस्थानों की ओर से आए हैं जिन्होंने उनकी संस्था की कामयाबी पर उनसे संपर्क साधा है और इसके लिए वह सहयोग भी देने को तैयार हैं। आनंद कुमार आईआईटी को बढ़ावा देने के लिए एक किताब भी लिखने जा रहे हैं, जिसके लिए एक विदेशी प्रकाशक से बातचीत जारी है। उनकी इस संस्था का मकसद है कि गरीब परिवारों के अधिक से अधिक बच्चे उच्च तकनीकी शिक्षा हासिल करें और उनके इस प्रयास से इस क्षेत्र में बच्चों में जागरूकता देखने को मिल रही है।

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