एक दशक से बैनरों पर लगी रोक हटाने की तैयारी
ओ.पी. पाल
केंद्रीय चुनाव आयोग ने धनबल और पेड़ न्यूज की प्रवृत्ति को रोकने के लिए गंभीरता से नीतियों को तैयार करना शुरू कर दिया है। इस बहाने अब चुनाव मैदान में उतरने वाले उम्मीदवार अपने चुनाव क्षेत्र में बैनर लगा सकेंगे,
जिन पर पिछले एक दशक से प्रतिबंध लगा हुआ है। चुनाव आयोग का मानना है कि बैनरों पर लगे प्रतिबंध के कारण वहां की जनता को यह भी पता नहीं होता था कि उसके क्षेत्र में कौन-कौन प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। इसलिए आयोग शीघ्र ही इस प्रतिबंध को हटाने जा रहा है। इस प्रकार के संकेत स्वयं मुख्य चुनाव आयुक्त डा. एस.वाई. कुरैशी ने पिछले सप्ताह सर्वदलीय बैठक के दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों से मिली राय पर विचार विमर्श करने के बाद दिये हैं। आयोग चाहता है कि धन लेकर खबर देने वाले पेड न्यूज की बढ़ती प्रवृत्ति की पृष्ठभूमि पर आयोग ने गहन विचार विमर्श किया है और इसे रोकने के लिए उम्मीदवारों को अपने क्षेत्र में बैनर लगाने की अनुमति देना जरूरी है। पेड न्यूज की प्रवृत्ति के कारण धनवान और बाहुबली उम्मीदवारों का तो अखबारों के जरिए चुनाव प्रचार हो जाता है, लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर या निर्दलीय प्रत्याशियों की जानकारी
स्वयं वहां के लोगों को भी नहीं हो पाती है। इसका कारण पिछले एक दशक से बैनर लगाने पर लगा प्रतिबंध सामने आया है। मुख्य चुनाव आयुक्त का कहना है कि चुनाव आयोग चुनाव प्रचार को लेकर अपने सख्त नियम कायदे को उदार बनाने पर विचार कर रहा है, जिससे उम्मीदवारों को जनता से सीधा संपर्क बनाने में मदद मिल सके। मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी का कहना है कि अनेक राजनीतिक दलों का भी यह सुझाव रहा है कि चुनावों में धनबल और पेड न्यूज पर रोक लगाने के लिए मतदाताओं से संपर्क के परंपरागत तरीकों को उदार बनाने की आवश्यकता है। कुरैशी ने कहा कि राजनीतिक दलों की यह शिकायत थी कि दस दिनों के चुनाव प्रचार के दौरान जनता को यह पता नहीं चल पाता कि उसके क्षेत्र से उम्मीदवार कौन-कौन हैं, क्योंकि मीडिया किन्हीं कारणो से उनके बारे में खबरें ही नहीं छाप पाता। राजनीतिक दलों के इस तर्क पर स्वयं कुरैशी ने सहमत होते हुए इस शिकायत को दूर करने के लिए नीति में बदलाव करने के संकेत दिये हैं। चुनाव आयोग मतदाताओं को उम्मीदवारों के बारे में जानकारी देने के लिए विभिन्न सुझावों पर गंभीरता से विचार कर रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त के इस संकेत का आशय यह है कि चुनाव प्रचार अब के नहीं रहेंगे और प्रचार के दौरान उम्मीदवार और राजनीतिक दल अपने बैनर लगा सकेंगे, जिन पर पिछले एक दशक से भी ज्यादा समय से प्रतिबंध था। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग जल्द ही इस बारे में निर्णय करेगा, कि नियमों को उदार बनाने की दिशा में कैसे आगे कदम बढ़ाया जाये, ताकि उम्मीदवारों को मतदाताओं तक अपनी पहुंच बनाने में सुविधा हो और राजनीतिक दलों के नेताओं ने चुनावों में धनबल के बढ़ते इस्तेमाल, राजनीति के अपराधीकरण और हाल के दिनों में सामने आयी पेड न्यूज की प्रवृति पर पर रोक लग सके। इस संबन्ध में गंभीर चिंता जताते हुए चुनाव आयोग ने विभिन्न राजनीतिक दलों और विशेषज्ञों की राय भी जानी है। हाल ही में पिछले सप्ताह दो सत्रों मे आयोजित सर्वदलीय बैठक में राष्ट्रीय दलों के नेताओं और क्षेत्रीय दलों के नेताओं ने इन मुद्दों पर अपनी राय चुनाव आयोग के सामने रखी थी। कुरैशी ने कहा कि इस बैठक में आयोग ने राजनीतिक दलों से भी अपील की गई थी कि वे आयोग को पूरा सहयोग करें और साथ ही चुनाव व्यय के मामले में नियमों का उल्लंघन न करें।
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