शनिवार, 23 अक्तूबर 2010

नहीं दिखेगा सेमेन्या का भी जलवा

ओ.पी. पाल
राष्ट्रमंडल खेलों में दक्षिण अफ्रीका की 800 मीटर की 19 वर्षीया विश्व चैंपियन कास्टर सेमेन्या के शामिल होने को लेकर बनी असमंजस की स्थिति आखिर साफ हो गई और चोटिल होने के कारण इन खेलों में सेमेन्या का जलवा भी नहीं देखा जा सकेगा। यानि राष्ट्रमंडल खेलों से हटने वाले शीर्ष खिलाडियों की सूची में दक्षिण अफ्रीका की धावक एवं विश्व चैपियन कास्टर सेमेन्या का नाम भी शामिल हो गया है।
उन्नीसवें राष्ट्रमंडल खेलों में कास्टर सेमन्या के शामिल होने को लेकर आयोजक अभी तक असमंजस की स्थिति में थे, लेकिन जब राष्ट्रमंडल खेलों के शुरू होने में केवल चार दिन ही शेष रह गये तो कास्टर सेमेन्या ने पीठ की चोट का हवाला देते हुए इन खेलों से अपना नाम वापस लेने का ऐलान कर दिया है। एथलेटिक्स दक्षिण अफ्रीका ने कहा कि अगर सेमेन्या दिल्ली जाती है तो चोट की वजह से उनकी लिए यह जोखिम भरा हो सकता है। इससे पहले सेमेन्या के कोच माइकल सेमे ने कहा था कि वह राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेने के लिए समय पर फिट हो जाएंगी। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रमंडल खेल प्रमुख टबी रेड्डी का कहना है कि कास्टर सेमेन्या को काफी समय से पीठ दर्द की शिकायत है और इस सप्ताहांत पर प्रतियोगिता में भाग लेकर उन्हें दर्द महसूस हुआ। बताया गया कि उनकी चोट की पुष्टि उनके परीक्षण के तहत स्कैन से हुई और वह कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती है। सेमेन्या से पहले उसैन बोल्ट, असाफा पावेल, फिड्डल्प्स इडोवू, डेविड रूडीशा और जॉन स्टीफन भी राष्ट्रमंडल खेलों से नाम वापस ले चुके हैँ। गौरतलब है पहले से ही महिला या पुरुष होने के विवाद से जूझ रही सेमेन्या दिल्ली में खुद को बहुत कुछ साबित करना चाहती थी। राष्ट्रमंडल खेलो से हटने के बाद शायद सेमेन्या 2011 की विश्व चैंपियनशिप में इस कमी को पूरा करना चाहती है। सेमेन्या के लिंग निर्धारण को लेकर उस समय बवंडर मचा जब उन्होंने अफ्रीकी जूनियर चैंपियनशिप में अपने ही रिकॉर्ड को चार सेकेंड से पीछे छोड़ दिया। इस जीत के साथ उनके मजबूत शरीर और दमदार आवाज के कारण ये सवाल उठाए गए कि वह महिला नहीं हैं और महिलाओं की प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहीं हैं। बर्लिन में हुई विश्व चैंपियनशिप के कुछ समय बाद इस स्कैंडल के बवंडर में सेमेन्या का खेल थोड़े दिन रुक गया और बर्लिन में मिला स्वर्ण पदक सेमेन्या के लिए मुश्किलें लेकर आया क्योंकि इसी चैंपियनशिप के बाद आईएएएफ ने सेमेन्या को खेलों में हिस्सा लेने से रोक दिया। इसके लिए उसके लिंग निर्धारण के लिए टेस्ट किए गए, जिसमें प्रतिबंध के एक साल बाद डॉक्टरों, आईएएएफ और उनकी टीम के साथ गहन जांच पड़ताल के बाद महिला पाये जाने पर सेमेन्या पर लगा प्रतिबंध हटाया। वहीं अंतर्राष्ट्रीय एथलेटिक्स फेडरेशन ने उनके पुरुष या महिला होने के बारे में फैसला दिया तो अगस्त में उसे दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों के लिए दक्षिण अफ्रीका की टीम में शामिल किया गया, लेकिन कमर की चोट ने कास्टर सेमेन्या कास्टर के दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों के लिए संजोए गये सपने को चकनाचूर कर दिया।
उपलब्धियां
2010 में मिलान में 800 मीटर दौड़ में 1.59 मिनट की सीमा तोड़ी
2009 को बर्लिन में एक मिनट 55.45 सेकंड का समय लेकर 800 मीटर की रेस जीती
2009 को बंबोअस में 1500 मीटर में अपना ही रिकार्ड ध्वस्त किया
2008 में रस्टिनबर्ग में 1500 मीटर में शानदार प्रदर्शन

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