ओ.पी. पाल
जैसे-जैसे राष्ट्रमंडल खलों की घड़ी नजदीक आ रही है, वैसे ही राष्टÑीय राजधानी में मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। अभी तक राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारियों, सुरक्षा और खिलाड़ियों से जुडी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है तो खेलों को देखने के लिए अब टिकटों की बिक्री को लेकर नया संकट सामने आ रहा है।
दिल्ली में हो रहे राष्ट्रमंडल खेलों के शुरू होने में केवल तीन दिन ही शेष बचे हैं, जिसको देखते हुए खेलों को देखने के लिए होने वाली टिकटों की बिक्री का विवाद खड़ा हो गया है यानि आयोजन समिति के सामने एक नया संकट उभरकर सामने आ गया है। अपुष्ट सूत्रों के मुताबिक खेलों के एक दम नजदीक होने के बावजूद अभी तक हजारों टिकट अभी भी नहीं बिक सके है। 3 से 14 अक्टूबर तक होने वाले इस आयोजन की लगभग सभी बड़ी प्रतियोगिताओं के लिए टिकटों की बिक्री अभी पूरी नहीं हो पाई है। आयोजन समिति ने भारी संख्या में हाथों हाथ टिकट बिकने की उम्मीद में 200 से 1000 रुपए की कीमत वाले 20 लाख टिकट बिक्री के लिए जारी किए थे। टिकटों की बिक्री के लिए दिल्ली के तमाम इलाकों में स्टॉल खोले गए हैं। खेलों में महज ती दिन बचे हैं और उद्घाटन एवं समापन समारोह के टिकट भी अभी पूरी तरह से नहीं बिक सके हैं। इतना ही नहीं दर्शकों में सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली 100 मीटर दौड़ प्रतियोगिताओं के टिकट भी अभी तक बचे हुए हैं। पुरुषों की 100 मीटर फरार्टा दौड़ का फाइनल 7 अक्टूबर को है और आयोजकों को इसके पूरे टिकट बिकने की उम्मीद है। दिल्ली में इस बात की चर्चा जोरो पर है कि खेलों में बदइंतजामी और लेटलतीफ तैयारियों के आरोपों की वजह से लोगों में निराशा है और इसका असर टिकटों की बिक्री पर भी पड़ा है। इसके अलावा कुछ स्टार एथलीटों के नाम वापस लेने को भी टिकटों की बिक्री पर असर पड़ने का प्रमुख कारण बताया जा रहा है। सेल्स विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि लगभग सभी प्रतियोगिताओं के टिकट अभी तक पूरे नहीं बिक पाए हैं, लेकिन आखिरी दस दिनों में बिक्री के जोर पकड़ने की उम्मीद की जा रही है। हालांकि आयोजकों ने टिकटों की बिक्री कम होने पर कोई प्रतिक्रिया देने इंकार कर दिया। लेकिन अधिकारी भी इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि सबसे ज्यादा भीड़ खींचने वाले खिलाड़ियों के नदारद रहने से टिकटों की बिक्री प्रभावित हुई है। इनमें जमैका के धावक उसेन बोल्ट, मैराथन में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाले पाउला रेडक्लिफ और 800 मीटर दौड़ में विश्व चैंपियन कास्टर सेमेन्या का नाम प्रमुख है। उधर राष्ट्रमंडल खेलों के टिकट बिक्री का जिम्मा आईआरसीटीसी पर भी था, जिसके सूत्र बताते हैं कि छोटी किमत वाले टिकट तो बिक रहे हैं लेकिन जिन टिकटों की कीमत हजारों में है उनका खरीददार अभी तक सामने नहीं आया है। दूसरी ओर राष्ट्रमंडल खेलों की कवरेज करने वाली मीडिया के पास जारी करने में भी आयोजन समिति को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें कुछ ऐसे समाचार पत्र हैं जिन्हें अभी तक राष्ट्रमंडल खेलों के पास उपलब्ध नहीं कराए गये हैं, इसी क्रम में आयोजन समिति के मीडिया विभाग में मनीष नामक एक अधिकारी को आयोजन समिति को हटाने के लिए भी मजबूर होना पड़ा है।
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