विदेशी पर्यटकों पर हमले से बढ़ी आशंका
ओ.पी. पाल
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में होने वाले 19वें राष्ट्रमंडल खेलों से मात्र 13 दिन पहले जिस प्रकार से ऐतिहासिक जामा मस्जिद के पास विदेशी पर्यटकों पर हमला हुआ है उससे जाहिर है कि राष्ट्रमंडल खेलों पर आतंकी साया मंडराया हुआ है। यही नहीं खेलों पर आतंकी खतरे की आशंका पहले से ही भारतीय खुफिया तंत्र भी जताता आ रहा है। विदेशी पर्यटकों पर फायरिंग की जिम्मेदारी इंडियन मुजाहिद्दीन द्वारा लिए जाने के बाद उससे केंद्र सरकार भी मान रही है कि इस हमले को आतंकी घटना से इंकार नहीं किया जा सकता।
पुरानी दिल्ली में ऐतिहासिक जामा मस्जिद पर इंडियन मुजाहिद्दीन के मोटर साईकिल सवार दो सदस्यों ने विदेशी पर्यटक बस पर फायरिंग करने के बाद धमाका करके शायद भारत को चुनौती दी है कि राष्ट्रमंडल खेलों से आतंकी खतरा अभी टला नहीं है। इसकी वजह साफ है कि भारतीय खुफिया तंत्र पहले से ही गृहमंत्रालय को इस प्रकार की सूचनाएं देता आ रहा है कि तीन से 14 अक्टूबर तक होने वाले राष्ट्रमंडल खेल आतंकवादी संगठनो के निशाने पर हैं। खुफिया तंत्र के खुलासों से हालांकि राष्ट्रीय राजधानी में खेलों को देखते हुए कड़ी चौकसी का दावा किया जा रहा है, लेकिन सुरक्षा के चाकचौबंद प्रबन्ध के दावे रविवार को जामा मस्जिद के गेट नम्बर तीन पर विदेशी पर्यटकों की बस पर हुई फायरिंग और फिर एक धमाके ने खोखले साबित कर दिये हैं। खेलों पर छाया आतंक का काला साया इस बात से भी जाहिर हो गया है कि घटना के बाद मीडिया को भेजे मेल में इस हमले की जिम्मेदारी इंडियन मुजाहिद्दीन ने ली है। इस हमले में यह बात भी दिगर है कि गुजरात, राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों हुए हमले में इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकियों ने जो तरीका अपनाया था उसी तरीके यानि मोटर साइकिल पर सवार होकर हमला किया गया है। विशेषज्ञों के अनुसार आतंकी हमले करने के लिए मोटर साइकिल पर सवार होकर हमले का प्रशिक्षण केरल में दिये जाने का खुलासा भी खुफिया तंत्र कर चुका है। इस हमले में यह भी देखने को मिला है कि जामा मस्जिद के पास विदेशी पर्यटकों पर हमले की तरह ही दिल्ली में बटला हाउस की घटना भी आतंकियों ने 19 सितंबर की तारीख ही चुनी गई थी। इस हमले को बटला हाउस मुठभेड़ में दिल्ली पुलिस द्वारा मारे गये इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी आतिफ, अमीन और मोहम्मद साजिद का बदला भी माना जा रहा है जिसको संगठन ने श्रद्धांजलि के रूप में इस हमले की जिम्मेदारी ली है। सूत्र यह भी बताते हैं कि दो सप्ताह पहले ही भारतीय खुफिया तंत्र इंटेलीजेंस ब्यूरो ने गृह मंत्रालय, एटीएस, राष्टÑीय जांच एजेंसी आदि एजेंसियों को एक पत्र भेजकर राष्ट्रमंडल खेलों में आतंकी संगठनों द्वारा खलल डालने की चिठ्ठी भी भेजी थी। खुफिया तंत्र के सूत्र तो यह भी बता रहे हैं कि आज रविवार को हुआ हमला पिछले दिनों लाहौर में श्रीलंका क्रिकेट टीम पर हुए हमले की तर्ज पर किया गया है। इंडियन मुजाहिद्दीन द्वारा इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए जिस लैटर हैड और मजबून का प्रयोग किया गया है उसका पहले भी इस्तेमाल हुआ है। यही कारण है कि यह घटना आतंकी हमले की पुष्टि करती है, जिसकी आशंका से स्वयं केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम भी इंकार नहीं कर पा रहे हैं। राष्ट्रमंडल खेलों पर आतंकी हमले की भी आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए राष्ट्रमंडल खेलों को निशाना बनाने की धमकी देते हुए यहां तक चेतावनी दी है कि देते हुए खुली चेतावनी दी है कि हिम्मत है तो भारत खेल करवाकर दिखाए? इस घटना ने राष्ट्रमंडल खेलों की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिये हैं जिसके लिए गृहमंत्रालय को लगातार खुफिया तंत्र भी सतर्क करता आ रहा है। सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञ कमर आगा का कहना है कि पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों की इंडियन मुजाहिद्दीन से गठजोड़ की पुष्टि पहले से ही हो चुकी है इसलिए राष्ट्रमंडल खेलों को प्रभावित करने के लिए सीमापार की साजिश से भी इंकार नहीं किया जा सकता। लिहाजा राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन के लिए भारत सरकार को सुरक्षा के प्रति कड़ी सतर्कता बरतने की जरूरत है।
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